नई दिल्ली : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डीजे के शोर को अप्रिय और आपत्तिजनक करार देते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को स्थगित कर दिया था और कहा था कि डीजे ऑपरेटरों के आवेदनों पर संबद्ध अधिकारी विचार करेंगे तथा यदि वे कानून के अनुरूप हुए तो अनुमति दी जा सकती है.
मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने सात जुलाई के अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील को याचिकाओं की प्रति उत्तर प्रदेश राज्य के स्थायी अधिवक्ता को उपलब्ध कराने तथा उन्हें इस बारे में सूचित करने का निर्देश दिया जाता है कि मामले पर 15 जुलाई 2021 को सुनवाई होगी.
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मामले में विभिन्न याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत पराशर पैरवी कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)