ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ हाई कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाई - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ विभिन्न हाई कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इस बारे में दो जजों की पीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश दिया.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jul 21, 2023, 4:33 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने शुक्रवार को विवादास्पद फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया और कार्यवाही पर रोक लगा दी. यह फिल्म अपने संवादों और बोलचाल की भाषा के इस्तेमाल को लेकर निशाने पर है. विभिन्न उच्च न्यायालयों में आदेशों और कार्यवाही को चुनौती देते हुए फिल्म की निर्माण कंपनी द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं दायर की गईं थीं.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणपत्र बोर्ड द्वारा फिल्म आदिपुरुष को दिए गए प्रमाणपत्र को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि ने शीर्ष अदालत के लिए व्यक्तियों की संवेदनशीलता के आधार पर फिल्म को दिए गए प्रमाणपत्रों में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि अदालत को अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार क्यों करना चाहिए? पीठ ने फिल्म के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि हर कोई अब हर चीज को लेकर संवेदनशील है और वे इसके लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष आएंगे और मौखिक रूप से टिप्पणी की कि फिल्मों, किताबों, पेंटिंग के प्रति सहनशीलता का स्तर कम होता जा रहा है. फिल्म के खिलाफ याचिका वकील ममता रानी ने दायर की थी. याचिका में तर्क दिया गया कि फिल्म में हिंदू देवी-देवताओं का चित्रण सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 5बी में उल्लिखित वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है.

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 जून को फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था और केंद्र सरकार से फिल्म पर अपने विचार देने के लिए एक समिति बनाने को कहा था. उच्च न्यायालय ने निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। इसने केंद्र सरकार को पांच सदस्यीय समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है जो फिल्म पर अपनी राय देगी कि क्या इसने जनता की भावनाओं को आहत किया है.

30 जून को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया था और केंद्र सरकार से फिल्म पर अपने विचार देने के लिए एक समिति बनाने को कहा था. अदालत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली कुलदीप तिवारी और नवीन धवन की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. उच्च न्यायालय ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें - आरक्षण मामले में विशेष तटस्थ पीठ की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने शुक्रवार को विवादास्पद फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया और कार्यवाही पर रोक लगा दी. यह फिल्म अपने संवादों और बोलचाल की भाषा के इस्तेमाल को लेकर निशाने पर है. विभिन्न उच्च न्यायालयों में आदेशों और कार्यवाही को चुनौती देते हुए फिल्म की निर्माण कंपनी द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं दायर की गईं थीं.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणपत्र बोर्ड द्वारा फिल्म आदिपुरुष को दिए गए प्रमाणपत्र को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि ने शीर्ष अदालत के लिए व्यक्तियों की संवेदनशीलता के आधार पर फिल्म को दिए गए प्रमाणपत्रों में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि अदालत को अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार क्यों करना चाहिए? पीठ ने फिल्म के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि हर कोई अब हर चीज को लेकर संवेदनशील है और वे इसके लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष आएंगे और मौखिक रूप से टिप्पणी की कि फिल्मों, किताबों, पेंटिंग के प्रति सहनशीलता का स्तर कम होता जा रहा है. फिल्म के खिलाफ याचिका वकील ममता रानी ने दायर की थी. याचिका में तर्क दिया गया कि फिल्म में हिंदू देवी-देवताओं का चित्रण सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 5बी में उल्लिखित वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है.

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 जून को फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था और केंद्र सरकार से फिल्म पर अपने विचार देने के लिए एक समिति बनाने को कहा था. उच्च न्यायालय ने निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। इसने केंद्र सरकार को पांच सदस्यीय समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है जो फिल्म पर अपनी राय देगी कि क्या इसने जनता की भावनाओं को आहत किया है.

30 जून को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया था और केंद्र सरकार से फिल्म पर अपने विचार देने के लिए एक समिति बनाने को कहा था. अदालत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली कुलदीप तिवारी और नवीन धवन की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. उच्च न्यायालय ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें - आरक्षण मामले में विशेष तटस्थ पीठ की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.