नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को आयुर्वेद वैकल्पिक चिकित्सा, होम्योपैथी और सिद्धांत के बारे में एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें फैसला सुनाया गया था कि आयुष डॉक्टरों को केवल दवाओं को प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने के रूप में निर्धारित किया जाना चाहिए और उपचार के रूप में नहीं दिया जाना चाहिए.
बता दें, आयुष मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर होम्योपैथी को अपनाने के लिए कहा था. आज न्यायाधीशों ने कहा कि हर कोई इलाज नहीं कर सकता है और सरकार से पूछा है कि क्या इस पर कोई दिशानिर्देश हैं. क्या ये निर्णय सही है.
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को यह भी स्पष्ट किया कि दवाओं का उपयोग केवल प्रतिरक्षा क्षमता के रूप में किया जा सकता है और उपचार के रूप में नहीं.