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सुप्रीम कोर्ट: आजम खान की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने जमीन हड़पने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. यूपी पुलिस की ओर से जमानत का विरोध किया गया.

SC RESERVES ORDERS AZAM KHAN BAIL MATTER
सुप्रीम कोर्ट: आजम खान जमानत याजिका पर फैसला सुरक्षित
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Published : May 17, 2022, 1:26 PM IST

Updated : May 17, 2022, 2:59 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जमीन हड़पने और जनता के पैसे की हेराफेरी के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान की जमानत याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस एलएन राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले न्यायालय ने उनकी जमानत पर सुनवाई में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत पर सुनवाई में देरी पर भी नाराजगी जताई थी.

आज पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि खान ने जांच अधिकारी (आईओ) को धमकी दी है. एडवोकेट ने खान के कुछ बयानों को पढ़ा- 'मेरी सरकार आने दो और तुम देखना', 'तुम मेरी जगह पर होगे' आदि. सरकारी बयान पर जे राव ने कहा, 'यह 5 साल बाद ही होगा.' जे राव ने कहा कि ये धमकी नहीं हैं, राजनेता इस तरह बात करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाओं का बड़ा हिस्सा दायर नहीं किया गया है. निजी व्यक्तियों द्वारा 61 मामले दायर किए गये हैं. वह एक भूमि हड़पने वाला है.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी विवाद: सिविल कोर्ट में आज पेश नहीं होगी कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट

राज्य ने यह भी कहा कि वह आदतन अपराधी है. यह जमानत न देने का आधार बन जाता है. खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि राज्य ने तथ्यों का खुलासा नहीं किया है और वह इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक आवेदन दायर करेंगे. लगभग 30 मिनट तक मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जमीन हड़पने और जनता के पैसे की हेराफेरी के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान की जमानत याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस एलएन राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले न्यायालय ने उनकी जमानत पर सुनवाई में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत पर सुनवाई में देरी पर भी नाराजगी जताई थी.

आज पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि खान ने जांच अधिकारी (आईओ) को धमकी दी है. एडवोकेट ने खान के कुछ बयानों को पढ़ा- 'मेरी सरकार आने दो और तुम देखना', 'तुम मेरी जगह पर होगे' आदि. सरकारी बयान पर जे राव ने कहा, 'यह 5 साल बाद ही होगा.' जे राव ने कहा कि ये धमकी नहीं हैं, राजनेता इस तरह बात करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाओं का बड़ा हिस्सा दायर नहीं किया गया है. निजी व्यक्तियों द्वारा 61 मामले दायर किए गये हैं. वह एक भूमि हड़पने वाला है.

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राज्य ने यह भी कहा कि वह आदतन अपराधी है. यह जमानत न देने का आधार बन जाता है. खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि राज्य ने तथ्यों का खुलासा नहीं किया है और वह इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक आवेदन दायर करेंगे. लगभग 30 मिनट तक मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

Last Updated : May 17, 2022, 2:59 PM IST
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