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सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ दायर पीएफआई की याचिका खारिज की - पीएफआई की याचिका खारिज

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने न्यायालय के इस विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत के पास आना चाहिए था. ( Popular Front of India, Supreme Court)

SC refuses to entertain plea by PFI tribunal
सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 1:07 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र द्वारा 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) पर लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि करने संबंधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय जाना पीएफआई के लिए उचित होगा.

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने न्यायालय के इस विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत के पास आना चाहिए था. इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दे दी. पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए न्यायाधिकरण के 21 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसने केंद्र के 27 सितंबर, 2022 के फैसले की पुष्टि की थी.

पढ़ें: राजस्थान के कोटा में NIA की दबिश, PFI से जुड़े संदिग्धों को लिया हिरासत में

केंद्र की मोदी सरकार ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र द्वारा 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) पर लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि करने संबंधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय जाना पीएफआई के लिए उचित होगा.

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने न्यायालय के इस विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत के पास आना चाहिए था. इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दे दी. पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए न्यायाधिकरण के 21 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसने केंद्र के 27 सितंबर, 2022 के फैसले की पुष्टि की थी.

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केंद्र की मोदी सरकार ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.

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