नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने खनन घोटाले के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी, अनंतपुरम और कडप्पा जाने की अनुमति दे दी है. यह अनुमति इस शर्त पर दी गई है कि वह जिलों के एसएसपी को अपने आने और जिलों को छोड़ने के बारे में सूचित करेंगे.
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी द्वारा उनकी जमानत शर्तों में ढील देने और उन्हें अपने गृह नगर बेल्लारी जाने की अनुमति देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
मामले की लगातार तीन दिनों से सुनवाई चल रही थी और आज अदालत ने अपना आदेश पारित किया.
सीबीआई ने ढील का विरोध करते हुए कहा कि यदि उन्हें (रेड्डी) जाने की अनुमति दी जाती है तो तीनों जिलों में ऐसे गवाह हैं जिन्हें रेड्डी धमका सकते हैं.
एएसजी माधवी दीवान ने सीबीआई की ओर से दलील दी कि रेड्डी पर न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने और गवाहों को धमकाने का आरोप है. अगर उन्हें जाने की अनुमति दी जाती है तो पूरा ट्रायल बेकार हो जाएगा. उन्होंने तर्क दिया कि सीबीआई कभी भी उनकी जमानत के लिए सहमत नहीं होती अगर कोई शर्तें नहीं होतीं. इसके वे प्रतिबंध जो गवाहों को किसी भी तरह के खतरे से बचाने में मदद करते हैं उन्हें जारी रखा जाना चाहिए.
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रेड्डी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि उन्हें अभी तक किसी भी आरोप में दोषी नहीं ठहराया गया है और उन्होंने जमानत की किसी भी शर्त का भी उल्लंघन नहीं किया है. इसके अलावा अन्य सह आरोपियों पर कोई शर्त नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह उनके (रेड्डी) अधिकारों का भी उल्लंघन है कि पहले उन्हें 4 साल जेल में रहना पड़ा और फिर 12 साल तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 2जी मामलों में भी आरोपियों को जमानत दे दी गई थी, जिसका सीबीआई ने जवाब देते हुए कहा कि उन पर न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप नहीं है.
दोनों पक्षों को लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने उन्हें बेल्लारी जाने की अनुमति देने का आदेश दिया. नवंबर के तीसरे सप्ताह में मामले की फिर सुनवाई होगी.