ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने बेदखल लोगों के पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा - फरीदाबाद नगर निगम

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा (Haryana) को खोरी गांव से बेदखल किए गए लोगों के पुनर्वास पर नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है. आपको बता दें कि इनलोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण किया था.

खोरी
खोरी
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 6:31 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम काेर्ट (Supreme Court) में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने फरीदाबाद नगर निगम (Faridabad Municipal corporation) के आयुक्त को राधा स्वामी क्षेत्र में अपने कार्यालय का विस्तार करने के लिए कहा, जहां बेदखल लोगों को उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अस्थायी आश्रय, भोजन और पानी दिया गया है.

पिछले आदेश में अदालत ने निर्देश दिया था कि आयुक्त भोजन और आश्रय के संबंध में शिकायतों का ध्यान रखेंगे. आज कोर्ट ने कहा कि कोविड की स्थिति में लोगों के लिए फरीदाबाद की यात्रा करना मुश्किल होगा और इसलिए कार्यालय कहीं और स्थापित किया जाना चाहिए. अदालत ने आयुक्त को एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने कहा कि जो पात्र हैं वे पुनर्वास प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जो पात्र नहीं हैं ... उनका पुनर्वास क्यों किया जाना चाहिए, वे सभी भूमि अतिक्रमणकर्ता हैं. मामले की सुनवाई 25 अगस्त को होगी.

अदालत ने खोरी गांव में लगभग 10,000 घरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था क्योंकि वे अवैध रूप से वन भूमि पर बने थे और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता था.

इसे भी पढ़ें : 'बाढ़ से होने वाली मुश्किलों का एकमात्र हल है पुनर्वास'

अदालत ने पहले तो निवासियों को अपने आप छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन गैर-अनुपालन के बाद अदालत ने नगर निगम को विध्वंस करने और योग्य लोगों का पुनर्वास करने के लिए कहा.

नई दिल्ली : सुप्रीम काेर्ट (Supreme Court) में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने फरीदाबाद नगर निगम (Faridabad Municipal corporation) के आयुक्त को राधा स्वामी क्षेत्र में अपने कार्यालय का विस्तार करने के लिए कहा, जहां बेदखल लोगों को उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अस्थायी आश्रय, भोजन और पानी दिया गया है.

पिछले आदेश में अदालत ने निर्देश दिया था कि आयुक्त भोजन और आश्रय के संबंध में शिकायतों का ध्यान रखेंगे. आज कोर्ट ने कहा कि कोविड की स्थिति में लोगों के लिए फरीदाबाद की यात्रा करना मुश्किल होगा और इसलिए कार्यालय कहीं और स्थापित किया जाना चाहिए. अदालत ने आयुक्त को एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने कहा कि जो पात्र हैं वे पुनर्वास प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जो पात्र नहीं हैं ... उनका पुनर्वास क्यों किया जाना चाहिए, वे सभी भूमि अतिक्रमणकर्ता हैं. मामले की सुनवाई 25 अगस्त को होगी.

अदालत ने खोरी गांव में लगभग 10,000 घरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था क्योंकि वे अवैध रूप से वन भूमि पर बने थे और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता था.

इसे भी पढ़ें : 'बाढ़ से होने वाली मुश्किलों का एकमात्र हल है पुनर्वास'

अदालत ने पहले तो निवासियों को अपने आप छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन गैर-अनुपालन के बाद अदालत ने नगर निगम को विध्वंस करने और योग्य लोगों का पुनर्वास करने के लिए कहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.