नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 'टूलकिट' (Toolkit Case) मामले में जांच कराने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी को टूलकिट पसंद नहीं है तो इसे नजरअंदाज कर देना चाहिए.
- टूलकिट को लेकर क्या थी मांग
टूलकिट मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कई पहलुओं पर जांच की मांग की थी. इसमें टूलकिट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग थी और जांच में आरोप सही सिद्ध होने पर कांग्रेस पार्टी के पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई थी. यह याचिका वकील शशांक शेखर झा द्वारा दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस तरह की सामान्य याचिकाओं के साथ समस्या यह है कि यह गंभीरता से विचार करने वाली नहीं हैं और यह अदालत का समय ले लेती है.
क्या है वो टूलकिट मामला, जिसमें नड्डा समेत बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ हैं मामले दर्ज
- जानें, कोर्ट ने आगे क्या कहा....
याचिका पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा, "अगर आपको टूलकिट पसंद नहीं है तो इसे नजरअंदाज कर दीजीए, यह एक राजनीतिक पार्टी द्वारा फैलाया गया प्रोपागेंड़ा है, आपको इसे नजरअंदाज करना चाहिए." कोर्ट में याचिकाकर्ता झा ने कहा कि कोरोना वाययरस म्यूटेंट के लिए इंडियन वेरिएंट शब्द एक इस्तेमाल एक प्रोपागेंड़ा था और सिंगापुर में सिंगापुर वेरिएंट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत एक लोकतंत्र है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून के मुताबिक, इसके लिए जो रेमेडी उपलब्ध है आप उसका इस्तेमाल करें और मामले को शीर्ष अदालत से वापस ले लें.