नई दिल्ली : मलयालम एक्ट्रेस के उत्पीड़न (Malayalam actress assault case) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की अपील ठुकरा दी है. इस मामले में मलयालम अभिनेता दिलीप (Malayalam actor Dileep) पर भी आरोप लगे हैं. सोमवार को केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मलयालम अभिनेत्री के उत्पीड़न मामले का ट्रायल पूरा करने के लिए और समय मांगा. शीर्ष अदालत ने सख्त रूख अपनाते हुए केरल सरकार की अपील ठुकरा दी.
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि यदि निचली अदालत के न्यायाधीश ने आग्रह किया तो वह मलयालम अभिनेता दिलीप और अन्य आरोपियों से संबंधित मामले की सुनवाई पूरी करने का समय बढ़ाने पर विचार करेगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल सरकार के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया जाएगा.
दो जजों की पीठ में फैसला
शीर्ष अदालत ने 2017 में एक अभिनेत्री के कथित अपहरण और हमले के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का आग्रह करने वाली राज्य सरकार के आवेदन का निस्तारण करते हुए यह टिप्पणी की. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने केरल सरकार के आवेदन का निपटारा करते हुए निचली अदालत के न्यायाधीश को यह स्वतंत्रता दी कि यदि आवश्यक हो तो समय बढ़ाने के लिए वह रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
इन अपराधों के तहत हुई गिरफ्तारी
पीठ ने कहा, 'हम इस संबंध में मामले पर उचित विचार करने के लिए इसे निचली अदालत के विवेक पर छोड़ते हैं.' पी गोपालकृष्णन उर्फ दिलीप को बाद में भारतीय दंड संहिता और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तार किया गया था और आरोपी के रूप में पेश किया गया था.
आरोपी के वकील पूर्व सॉलिसीटर जनरल
सोमवार को सुनवाई के दौरान केरल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने एक आवेदन दायर कर सुनवाई पूरी करने का समय छह महीने और बढ़ाने का आग्रह किया है. आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने राज्य के आवेदन का विरोध किया और कहा कि यह विभिन्न तरीकों से मुकदमे में देरी कराने का प्रयास है. रोहतगी ने कहा, 'पहला तरीका सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को बदलने के लिए कहना था. इसे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था.' उन्होंने कहा कि सरकारी वकील ने इस्तीफा दे दिया था तथा आगे और समय ले लिया गया था. उन्होंने तर्क दिया कि राज्य मामले में 'मीडिया ट्रायल कर रहा है.' रोहतगी ने कहा कि चार बार पहले ही यह बढ़वाया जा चुका है.
जांच नहीं तो काम अधूरा
पीठ ने कहा, 'रोहतगी, हम राज्य के कहने पर समय बढ़ाने का आदेश पारित नहीं करेंगे. यदि न्यायाधीश चाहें तो वह रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं और उचित निर्देश मांग सकते हैं.' राज्य के वकील ने कहा कि अगर किसी ने कुछ सबूत दिए हैं और उसकी जांच नहीं की गई तो काम अधूरा रह जाता है.
इस मामले में अभिनेता दिलीप के अलावा उनके छोटे भाई पी. शिवकुमार और उनके रिश्तेदार टी. एन. सूरज पर भी आरोप लगे हैं. गौरतलब है कि इस मामले में केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अभिनेता दिलीप को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत (Dileep anticipatory bail) दी थी. इसके साथ ही केरल हाईकोर्ट ने अभिनेता दिलीप और अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए 23, 24 और 25 जनवरी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का आदेश भी दिया.
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बता दें कि पीड़िता अभिनेत्री है जिसने तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम किया है. उसका 17 फरवरी 2017 की रात उसके ही वाहन में अपहरण कर लिया गया और कुछ आरोपियों ने दो घंटे तक उससे छेड़छाड़ की और बाद में एक व्यस्त इलाके में उसे छोड़कर फरार हो गए. कुछ आरोपियों ने पूरे कृत्य का वीडियो बना लिया ताकि अभिनेत्री को ब्लैकमेल किया जा सके. मामले में 10 आरोपी हैं. पुलिस ने सात को गिरफ्तार किया है.
(पीटीआई-भाषा)