नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीएम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमे को हैदराबाद के बाहर, अधिमानतः दिल्ली में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सीबीआई से यह भी बताने को कहा कि मुकदमे में देरी क्यों हो रही है.
शीर्ष अदालत ने वाईएसआर कांग्रेस सांसद रघु रामकृष्ण राजू द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया. रेड्डी पार्टी के अध्यक्ष हैं. याचिका में कहा गया कि अवैध रूप से और अन्यायपूर्ण तरीके से 40,000 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के बाद जिस तरह से आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री के लिए राज्य मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है, उससे याचिकाकर्ता को बहुत तकलीफ हुई है.
याचिका में दलील दी गई कि मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे निष्क्रिय रहें और उनके खिलाफ कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जाए. याचिका में कहा गया कि चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य मशीनरी माननीय न्यायालयों की प्रक्रियाओं के इस दुरुपयोग (आपराधिक मुकदमों को अभियुक्तों और अभियोजन पक्ष के बीच मैत्रीपूर्ण मैचों में बदलना) पर मूक दर्शक बनकर बहुत खुश है.
याचिका में यह दावा किया गया कि 14 मई 2014 से, जब स्वर्गीय डॉ वाई एस राजशेखर रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उन्होंने अपने बेटे जगन मोहन के साथ मिलकर तत्कालीन सीएम के सार्वजनिक पद का दुरुपयोग करके अवैध संपत्ति अर्जित करने के लिए एक सरल तरीका अपनाया था, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ था.