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टीकाकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं करने की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के टीकाकरण के लिए पहचान के रूप में एकमात्र सबूत के तौर पर आधार कार्ड (Aadhaar card) पेश करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई की. मामले में दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 1, 2021, 2:57 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें कोविड-19 के टीकाकरण के लिए पहचान के एकमात्र सबूत के तौर पर आधार कार्ड (Aadhaar card) पेश करने पर जोर नहीं देने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, 'अखबार के लेखों पर मत जाइए.' क्या आपने हाल ही में CoWIN एप खुद देखा है?'

बेंच ने आगे कहा कि एप को अपडेट कर दिया गया है और टीकाकरण के लिए पंजीकरण के लिए अब कई तरह के आईडी प्रूफ हैं. याचिकाकर्ता सिद्धार्थशंकर शर्मा (petitioner Siddharth shankar Sharma) ने अधिवक्ता मयंक क्षीरसागर (advocate Mayank Kshirsagar) के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.

याचिका में नागरिकों को दिए गए टीकाकरण के अधिकार (right to vaccination ) की सुरक्षा की मांग की गई है. कोविन एप पर दिए गए सात निर्धारित फोटो-पहचान में से एक होने के बावजूद बिना आधार कार्ड के टीकाकरण करने से इनकार किया जा रहा है, जिससे टीकाकरण के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है.

पीठ ने कहा कि आधार कार्ड एकमात्र आईडी नहीं है, जिसे संबंधित अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जा रहा है. पीठ ने वकील से कहा, 'आप ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि से भी पंजीकरण कर सकते हैं. आप खुद जाकर इसका सत्यापन कर सकते हैं.

पढ़ें - वैध रजिस्ट्रेशन के बिना वाहन चलाने पर रद्द किया जा सकता का बीमा का दावा : सुप्रीम कोर्ट

क्षीरसागर ने कहा कि कोई भी सात आईडी में से किसी एक से पंजीकरण कर सकता है, लेकिन जब आप टीकाकरण केंद्र पर जाते हैं, तो अधिकारी आधार पर जोर देते हैं.

उन्होंने कहा कि कागज पर सब कुछ है, लेकिन लोग अभी भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं. मामले में दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें कोविड-19 के टीकाकरण के लिए पहचान के एकमात्र सबूत के तौर पर आधार कार्ड (Aadhaar card) पेश करने पर जोर नहीं देने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, 'अखबार के लेखों पर मत जाइए.' क्या आपने हाल ही में CoWIN एप खुद देखा है?'

बेंच ने आगे कहा कि एप को अपडेट कर दिया गया है और टीकाकरण के लिए पंजीकरण के लिए अब कई तरह के आईडी प्रूफ हैं. याचिकाकर्ता सिद्धार्थशंकर शर्मा (petitioner Siddharth shankar Sharma) ने अधिवक्ता मयंक क्षीरसागर (advocate Mayank Kshirsagar) के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.

याचिका में नागरिकों को दिए गए टीकाकरण के अधिकार (right to vaccination ) की सुरक्षा की मांग की गई है. कोविन एप पर दिए गए सात निर्धारित फोटो-पहचान में से एक होने के बावजूद बिना आधार कार्ड के टीकाकरण करने से इनकार किया जा रहा है, जिससे टीकाकरण के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है.

पीठ ने कहा कि आधार कार्ड एकमात्र आईडी नहीं है, जिसे संबंधित अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जा रहा है. पीठ ने वकील से कहा, 'आप ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि से भी पंजीकरण कर सकते हैं. आप खुद जाकर इसका सत्यापन कर सकते हैं.

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क्षीरसागर ने कहा कि कोई भी सात आईडी में से किसी एक से पंजीकरण कर सकता है, लेकिन जब आप टीकाकरण केंद्र पर जाते हैं, तो अधिकारी आधार पर जोर देते हैं.

उन्होंने कहा कि कागज पर सब कुछ है, लेकिन लोग अभी भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं. मामले में दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया.

(आईएएनएस)

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