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सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की याचिका खारिज, कांग्रेस नेता खैरा को राहत

SC junks Punjab govt plea: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. पंजाब सरकार ने कांग्रेस नेता खैरा के खिलाफ एनडीपीएस से जुड़े 2015 के मामले में जमानत देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी.

SC junks Punjab govt plea against bail against bail to Sukhpal Singh Khaira
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की याचिका खारिज, कांग्रेस नेता खैरा को राहत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को मादक पदार्थ (NDPS) अधिनियम से जुड़े केस में जमानत दी गई थी. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अदालत हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

खैरा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने दावा किया कि राज्य सरकार उनके मुवक्किल के प्रति दुर्भावना रखती है. पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के 4 जनवरी के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था. पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खैरा के खिलाफ सबूत हैं.

इसमें तथ्य भी हैं. इसे राज्य ने प्रवर्तन निदेशालय से इकट्ठा किया था और हाईकोर्ट ने उस पर विचार नहीं किया था. लूथरा ने कहा कि खैरा ने एक व्यक्ति को धमकी दी है, जो उनके खिलाफ बयान देने वाला है. हालाँकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पंजाब सरकार की याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है. लूथरा ने शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया लेकिन पीठ उनकी दलील से सहमत नहीं हुई.

पंजाब सरकार ने तर्क दिया था कि जमानत आदेश ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है. इसके लिए अदालत को संतुष्ट होना होगा यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी इस तरह के अपराध का दोषी नहीं था और जमानत पर उसके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना नहीं थी.

एनडीपीएस मामले में जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रिहा होने से पहले, खैरा को पंजाब पुलिस ने 2015 के ड्रग्स मामले में एक प्रमुख गवाह की पत्नी की शिकायत पर सुभानपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक नए मामले में गिरफ्तार कर लिया था. उन पर आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया गया. 15 जनवरी को खैरा को कपूरथला की एक अदालत ने दूसरे मामले में जमानत दे दी थी.

ये भी पढ़ें- SC ने विधेयकों को मंजूरी देने में देरी के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर स्थिति रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को मादक पदार्थ (NDPS) अधिनियम से जुड़े केस में जमानत दी गई थी. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अदालत हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

खैरा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने दावा किया कि राज्य सरकार उनके मुवक्किल के प्रति दुर्भावना रखती है. पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के 4 जनवरी के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था. पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खैरा के खिलाफ सबूत हैं.

इसमें तथ्य भी हैं. इसे राज्य ने प्रवर्तन निदेशालय से इकट्ठा किया था और हाईकोर्ट ने उस पर विचार नहीं किया था. लूथरा ने कहा कि खैरा ने एक व्यक्ति को धमकी दी है, जो उनके खिलाफ बयान देने वाला है. हालाँकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पंजाब सरकार की याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है. लूथरा ने शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया लेकिन पीठ उनकी दलील से सहमत नहीं हुई.

पंजाब सरकार ने तर्क दिया था कि जमानत आदेश ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है. इसके लिए अदालत को संतुष्ट होना होगा यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी इस तरह के अपराध का दोषी नहीं था और जमानत पर उसके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना नहीं थी.

एनडीपीएस मामले में जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रिहा होने से पहले, खैरा को पंजाब पुलिस ने 2015 के ड्रग्स मामले में एक प्रमुख गवाह की पत्नी की शिकायत पर सुभानपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक नए मामले में गिरफ्तार कर लिया था. उन पर आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया गया. 15 जनवरी को खैरा को कपूरथला की एक अदालत ने दूसरे मामले में जमानत दे दी थी.

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