नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी से कहा कि इस मामले पर आज सुनवाई नहीं की जाएगी.
पीठ से मामले को मंगलवार को फिर से सूचीबद्ध करने का आग्रह करते हुए सिंघवी ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है और उन्हें अपनी दलीलें पूरी करने में एक घंटा लगेगा. सिंघवी ने अदालत से अपने मुवक्किल की जमानत बढ़ाने का अनुरोध किया. न्यायमूर्ति बोपन्ना ने अंततः जैन की जमानत याचिका को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखने का निर्देश दिया ताकि उस पीठ में पुन: नियुक्ति के लिए उचित आदेश प्राप्त किए जा सकें, जिसका न्यायमूर्ति मिश्रा हिस्सा नहीं थे.
पीठ आप नेता को पिछले सप्ताह दी गई अंतरिम जमानत को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाने पर सहमत हो गई. पीठ ने कहा कि मामले को सीजेआई के आदेशों के अधीन इस महीने के अंत में किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए. जैन को मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. उन्हें इस साल की शुरुआत में चिकित्सा कारणों से अंतरिम जमानत दी गई थी. पिछले महीने न्यायमूर्ति मिश्रा ने दिल्ली दंगों की साजिश मामले में कार्यकर्ता उमर खालिद द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.