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यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की याचिका पर SC ने नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की याचिका पर नोटिस जारी किया है. छात्र भारत में एकोमोडेशन की मांग कर रहे हैं.

SC ISSUES NOTICE ON PLEA BY MEDICAL STUDENTS STUDYING IN UKRAINE SEEKING ACCOMODATION IN INDIA
यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की याचिका पर SC ने नोटिस जारी किया
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Published : Aug 26, 2022, 2:16 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया है. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच इन मेडिकल छात्रों को भारत लौटना पड़ा था और अब भारत में एकोमोडेशन की मांग कर रहे हैं. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि छात्रों ने स्वेच्छा से यूक्रेन में अध्ययन करना चुना और अब अगर हालात बदल गए हैं तो क्या किया जा सकता है.

छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उन्हें भारत में सरकारी सीट नहीं मिल सकी और उनके पास एक निजी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि लोग यूक्रेन में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 20,000 छात्र हैं और यह देखना होगा कि क्या भारत में इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को समायोजित करने की क्षमता भी है.

ये भी पढ़ें- मुफ्त योजनाओं की घोषणा पर प्रतिबंध लगाने के मामले को SC ने तीन जजों की पीठ के पास भेजा

अधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थना अंतिम वर्ष के छात्रों को समायोजित करने की है न कि प्रथम वर्ष के लिए. अदालत द्वारा सरकार से कुछ कदम उठाने का आग्रह किया जा सकता है. मामले की फिर से 15 सितंबर को सुनवाई होगी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया है. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच इन मेडिकल छात्रों को भारत लौटना पड़ा था और अब भारत में एकोमोडेशन की मांग कर रहे हैं. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि छात्रों ने स्वेच्छा से यूक्रेन में अध्ययन करना चुना और अब अगर हालात बदल गए हैं तो क्या किया जा सकता है.

छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उन्हें भारत में सरकारी सीट नहीं मिल सकी और उनके पास एक निजी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि लोग यूक्रेन में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 20,000 छात्र हैं और यह देखना होगा कि क्या भारत में इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को समायोजित करने की क्षमता भी है.

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अधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थना अंतिम वर्ष के छात्रों को समायोजित करने की है न कि प्रथम वर्ष के लिए. अदालत द्वारा सरकार से कुछ कदम उठाने का आग्रह किया जा सकता है. मामले की फिर से 15 सितंबर को सुनवाई होगी.

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