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नकली रेमडेसिविर मामले में हिरासत के आदेश के खिलाफ याचिका पर आज होगी सुनवाई - plea against order of arrest

अधिवक्ता अश्विनी दुबे के जरिए दायर याचिका में दलील दी गयी है कि आज तक याचिकाकर्ता को लंबे समय तक हिरासत में रखने (Long term detention of the petitioner) और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने (enforcing national security law) का कोई आधार नहीं बनाया गया है. यह मामले मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री (Sale of fake Remdesivir injections) और कालाबाजारी से संबंधित है.

नकली रेमडेसिविर मामले
नकली रेमडेसिविर मामले
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Published : Jan 3, 2022, 9:20 AM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर सूई खरीदने के आरोपी (accused of buying fake remdesivir needles) एक व्यक्ति को हिरासत में लेने के आदेश के खिलाफ याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करने वाला है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) के एक आदेश को चुनौती देने वाले आरोपी व जबलपुर निवासी देवेश चौरसिया की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. उच्च न्यायालय ने हिरासत के खिलाफ उसकी याचिका को खारिज कर दिया था.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान चौरसिया के साथ मिलकर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के आरोपी जबलपुर के एक डॉक्टर को हिरासत में लेने के आदेश को रद्द कर दिया था.

अधिवक्ता अश्विनी दुबे के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि हिरासत आदेश में वर्णित कथित आधार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के प्रावधानों को लागू करने के पर्याप्त नहीं हैं. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए, हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी को उस कारण को दर्ज करना चाहिए जो बताता हो कि आरोपी ने किस प्रकार सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित किया या सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया.

पढ़ें : EWS कोटे के लिए आठ लाख रुपये आय की सीमा पर कायम : केंद्र ने SC से कहा

इसमें दलील दी गयी है कि आज तक याचिकाकर्ता को लंबे समय तक हिरासत में रखने (Long term detention of the petitioner) और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने (enforcing national security law) का कोई आधार नहीं बनाया गया है. यह मामले मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री (Sale of fake Remdesivir injections) और कालाबाजारी से संबंधित है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर सूई खरीदने के आरोपी (accused of buying fake remdesivir needles) एक व्यक्ति को हिरासत में लेने के आदेश के खिलाफ याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करने वाला है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) के एक आदेश को चुनौती देने वाले आरोपी व जबलपुर निवासी देवेश चौरसिया की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. उच्च न्यायालय ने हिरासत के खिलाफ उसकी याचिका को खारिज कर दिया था.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान चौरसिया के साथ मिलकर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के आरोपी जबलपुर के एक डॉक्टर को हिरासत में लेने के आदेश को रद्द कर दिया था.

अधिवक्ता अश्विनी दुबे के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि हिरासत आदेश में वर्णित कथित आधार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के प्रावधानों को लागू करने के पर्याप्त नहीं हैं. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए, हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी को उस कारण को दर्ज करना चाहिए जो बताता हो कि आरोपी ने किस प्रकार सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित किया या सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया.

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इसमें दलील दी गयी है कि आज तक याचिकाकर्ता को लंबे समय तक हिरासत में रखने (Long term detention of the petitioner) और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने (enforcing national security law) का कोई आधार नहीं बनाया गया है. यह मामले मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री (Sale of fake Remdesivir injections) और कालाबाजारी से संबंधित है.

(पीटीआई-भाषा)

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