नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि वह 23 फरवरी तक शिअद (SAD ) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मादक पदार्थ के मामले में गिरफ्तार न करे ताकि वह राज्य में चुनाव प्रचार कर सकें.
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने हालांकि मजीठिया को निर्देश दिया कि वह 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करें.
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को मामले में आत्मसमर्पण करने के बाद मजीठिया की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई और शीघ्र निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. यह मामला एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद मजीठिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी.
मजीठिया पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं. पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी.