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Anti CAA Protest: असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट से असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने CAA विरोधी प्रदर्शनों के संबंध में निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार सुनवाई पूरी होने तक अखिल गोगोई को जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 18, 2023, 12:48 PM IST

नई दिल्ली: न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों से जुड़े एक मामले में असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को मंगलवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने हालांकि गौहाटी उच्च न्यायालय के उस फैसले को सही ठहराया जिसने मामले में गोगोई की आरोपमुक्ति को रद्द कर दिया था.

  • Supreme Court directs to release independent MLA Akhil Gogoi on bail till the completion of the trial as per terms set by the trial court in connection with anti-CAA protests. pic.twitter.com/g6ftLUYXQd

    — ANI (@ANI) April 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें असम की विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत को उनके (गोगोई के) खिलाफ दो में से एक मामले में आरोप तय करने की अनुमति दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने एनआईए को गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ विशेष अदालत में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और माओवादी से संदिग्ध संबंध को लेकर आरोप तय करने की अनुमति दी थी. उच्च न्यायालय ने एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था, जिसमें चार लोगों को ‘क्लीन चिट’ देने वाली विशेष एनआईए अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एजेंसी को मामले को पुन: खोलने के बाद आरोप तय करने की अनुमति दे दी। विधायक ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. एनआईए ने शीर्ष अदालत से कहा था कि गोगोई को जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह राज्य में माओवादी गतिविधियों के कथित सरगना हैं, हालांकि विधायक ने कहा था कि उनके खिलाफ मामले 'राजनीतिक प्रतिशोध' का परिणाम थे.

ये भी पढ़ें- Gay Marriage : 'सुप्रीम' सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा- पिछले पांच वर्षों के दौरान समाज में समलैंगिक संबंधों की स्वीकार्यता बढ़ी है

गोगोई के तीन सह-आरोपी ढैज्या कोंवर, बिट्टू सोनोवाल और मानश कोंवर थे। इन सभी को एनआईए मामले में जमानत मिल गई और वे जेल से बाहर हैं. गोगोई एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी जमानत अदालत ने खारिज कर दी थी और 567 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें रिहा किया गया था, जब विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रांजल दास ने उन्हें तीन अन्य के साथ आरोपों से मुक्त कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों से जुड़े एक मामले में असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को मंगलवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने हालांकि गौहाटी उच्च न्यायालय के उस फैसले को सही ठहराया जिसने मामले में गोगोई की आरोपमुक्ति को रद्द कर दिया था.

  • Supreme Court directs to release independent MLA Akhil Gogoi on bail till the completion of the trial as per terms set by the trial court in connection with anti-CAA protests. pic.twitter.com/g6ftLUYXQd

    — ANI (@ANI) April 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें असम की विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत को उनके (गोगोई के) खिलाफ दो में से एक मामले में आरोप तय करने की अनुमति दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने एनआईए को गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ विशेष अदालत में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और माओवादी से संदिग्ध संबंध को लेकर आरोप तय करने की अनुमति दी थी. उच्च न्यायालय ने एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था, जिसमें चार लोगों को ‘क्लीन चिट’ देने वाली विशेष एनआईए अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एजेंसी को मामले को पुन: खोलने के बाद आरोप तय करने की अनुमति दे दी। विधायक ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. एनआईए ने शीर्ष अदालत से कहा था कि गोगोई को जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह राज्य में माओवादी गतिविधियों के कथित सरगना हैं, हालांकि विधायक ने कहा था कि उनके खिलाफ मामले 'राजनीतिक प्रतिशोध' का परिणाम थे.

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गोगोई के तीन सह-आरोपी ढैज्या कोंवर, बिट्टू सोनोवाल और मानश कोंवर थे। इन सभी को एनआईए मामले में जमानत मिल गई और वे जेल से बाहर हैं. गोगोई एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी जमानत अदालत ने खारिज कर दी थी और 567 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें रिहा किया गया था, जब विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रांजल दास ने उन्हें तीन अन्य के साथ आरोपों से मुक्त कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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