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राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को SC ने दी जमानत

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Published : Mar 9, 2022, 4:19 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या (Rajiv Gandhi assassination case) में दोषी ए जी पेरारिवलन (A G Perarivalan) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. वह 30 साल से भी ज्यादा समय से जेल में है.

सुप्रीम कोर्ट
SC

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन को जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है और जेल के अंदर और पैरोल की अवधि के दौरान उसका आचरण संतोषजनक रहा है.

शीर्ष अदालत 47 वर्षीय पेरारिवलन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एमडीएमए जांच पूरी होने तक मामले में उम्रकैद की सजा को स्थगित करने की मांग की गई थी. 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक महिला के आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. उसकी पहचान धनु के रूप में हुई थी. हमले में धनु समेत 14 लोग मारे गए थे.

राजीव गांधी की हत्या संभवत: देश में आत्मघाती बम विस्फोट का पहला मामला था. मई 1999 के अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने चार दोषियों - पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था. शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी, 2014 को पेरारिवलन की मौत की सजा को दो अन्य दोषियों-संथान व मुरुगन के साथ उम्रकैद में बदल दिया था. पेरारिवलन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले के सात दोषियों में से एक है और उम्रकैद की सजा काट रहा है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन को जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है और जेल के अंदर और पैरोल की अवधि के दौरान उसका आचरण संतोषजनक रहा है.

शीर्ष अदालत 47 वर्षीय पेरारिवलन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एमडीएमए जांच पूरी होने तक मामले में उम्रकैद की सजा को स्थगित करने की मांग की गई थी. 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक महिला के आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. उसकी पहचान धनु के रूप में हुई थी. हमले में धनु समेत 14 लोग मारे गए थे.

राजीव गांधी की हत्या संभवत: देश में आत्मघाती बम विस्फोट का पहला मामला था. मई 1999 के अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने चार दोषियों - पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था. शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी, 2014 को पेरारिवलन की मौत की सजा को दो अन्य दोषियों-संथान व मुरुगन के साथ उम्रकैद में बदल दिया था. पेरारिवलन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले के सात दोषियों में से एक है और उम्रकैद की सजा काट रहा है.

पढ़ें- राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को मिली 30 दिन की पैरोल

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(PTI)

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