नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक बढ़ा दी (SC Extends Jains Interim bail). ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष मामले में स्थगन का अनुरोध किया. जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी भी मामले को टालने पर सहमत हुए.
संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की. साथ ही वरिष्ठ आप नेता को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत भी बढ़ा दी.
शीर्ष अदालत ने एक अन्य आरोपी अंकुश जैन को भी चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया, क्योंकि उसके वकील ने अदालत के समक्ष कहा था कि उसके बच्चे की सर्जरी होनी है.
25 अगस्त को, ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे राजू ने जैन के लिए मेडिकल जमानत को और आगे बढ़ाने का कड़ा विरोध किया था और अदालत से उन्हें आत्मसमर्पण करने और मामले की सुनवाई तय करने का निर्देश देने को कहा था.
राजू ने कहा कि 'जैन जेल में एक स्विमिंग पूल चाहते हैं, हर कोई इसे वहन नहीं कर सकता.' उन्होंने कहा कि 'उनके द्वारा दिखाई गई मेडिकल रिपोर्ट में जमानत को एक दिन के लिए भी बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है और उनके साथ किसी सामान्य याचिकाकर्ता की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए.'
पिछले साल मई में ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस साल मई में शीर्ष अदालत ने जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी.