ETV Bharat / bharat

रामनवमी पर हिंसा: सु्प्रीम कोर्ट ने न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध करने संबंधी याचिका खारिज की

author img

By

Published : Apr 26, 2022, 12:31 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 12:52 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने रामनवमी पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में और सात अन्य राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा मामलों की जांच के लिए न्यायिक अयोग के गठन का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दी.

उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में और सात अन्य राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा मामलों की जांच के लिए न्यायिक अयोग के गठन का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी.

पीठ ने कहा, आप चाहते हैं कि जांच की अगुवाई पूर्व प्रधान न्यायाधीश करें? क्या कोई फ्री है? पता करिए....यह कैसी राहत है.....ऐसी राहत मत मांगिए जो इस अदालत द्वारा दी नहीं जा सकें. खारिज की जाती है. अधिवक्ता ने अपनी याचिका में राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात में रामनवमीं में हुई हिंसा मामलों की जांच के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. इस जनहित याचिका में मध्य प्रदेश,गुजरात और उत्तर प्रदेश में बुलडोजर न्याय की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए भी एक आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया था.

याचिका में कहा गया, इस प्रकार की कार्रवाई पूर्ण रूप से भेदभाव करने वाली है और लोकतंत्र तथा कानून के शासन की अवधारणा के अनुरूप नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत पिछले बुधवार को एक मस्जिद के पास के कई पक्के और अस्थाई ढांचों को ढहा दिया था.

पढ़ें : रामनवमी हिंसा : गुजरात के खंभात में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में और सात अन्य राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा मामलों की जांच के लिए न्यायिक अयोग के गठन का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी.

पीठ ने कहा, आप चाहते हैं कि जांच की अगुवाई पूर्व प्रधान न्यायाधीश करें? क्या कोई फ्री है? पता करिए....यह कैसी राहत है.....ऐसी राहत मत मांगिए जो इस अदालत द्वारा दी नहीं जा सकें. खारिज की जाती है. अधिवक्ता ने अपनी याचिका में राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात में रामनवमीं में हुई हिंसा मामलों की जांच के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. इस जनहित याचिका में मध्य प्रदेश,गुजरात और उत्तर प्रदेश में बुलडोजर न्याय की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए भी एक आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया था.

याचिका में कहा गया, इस प्रकार की कार्रवाई पूर्ण रूप से भेदभाव करने वाली है और लोकतंत्र तथा कानून के शासन की अवधारणा के अनुरूप नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत पिछले बुधवार को एक मस्जिद के पास के कई पक्के और अस्थाई ढांचों को ढहा दिया था.

पढ़ें : रामनवमी हिंसा : गुजरात के खंभात में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला

Last Updated : Apr 26, 2022, 12:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.