ETV Bharat / bharat

SC में निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की निुयक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज - उच्चतम न्यायालय याचिका खारिज

रिटायर्ड आईएएस अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

SC dismisses plea challenging appointment of Arun Goel as Election Commissioner
न्यायालय ने निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की निुयक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
author img

By

Published : Aug 4, 2023, 1:52 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नौकरशाह अरुण गोयल की निर्वाचन आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ इस पर गौर करके दो मार्च को अपना फैसला सुना चुकी है. न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के एम जोसेफ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने गोयल की नियुक्ति की फाइल को देखा और कुछ टिप्पणियां भी कीं लेकिन इसे निरस्त करने से इनकार किया था.

पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया. एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि गोयल की मनमाने तरीके से नियुक्ति की गई है और इसमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील में कहा कि एनजीओ को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि संवैधानिक पीठ ने नियुक्ति की फाइल देख ली है लेकिन इसने निरस्त करने से इनकार कर दिया.

उच्चतम न्यायालय ने दो मार्च को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से बचाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि उनकी नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएंगी ताकि 'चुनाव प्रक्रिया की शुचिता' कायम रह सके.

ये भी पढ़ें- Delhi liquor policy case: सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 04 सितंबर को

शीर्ष अदालत ने पूर्व नौकरशाह अरुण गोयल को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल को 24 घंटे में विभिन्न विभागों द्वारा तीव्र गति से मंजूरी दी गयी थी. केंद्र ने न्यायालय की टिप्पणियों का विरोध किया था और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कहा था कि गोयल की नियुक्ति से जुड़े पूरे मामले पर विस्तारपूर्वक गौर किया जाना चाहिए. निर्वाचन आयोग (चुनाव आयुक्त की सेवा और कारोबार का संव्यवहार शर्तों) अधिनियम, 1991 के तहत निर्वाचन आयुक्त का छह साल या 65 वर्ष की आयु तक का कार्यकाल हो सकता है. पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी गोयल को 19 नवंबर को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नौकरशाह अरुण गोयल की निर्वाचन आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ इस पर गौर करके दो मार्च को अपना फैसला सुना चुकी है. न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के एम जोसेफ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने गोयल की नियुक्ति की फाइल को देखा और कुछ टिप्पणियां भी कीं लेकिन इसे निरस्त करने से इनकार किया था.

पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया. एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि गोयल की मनमाने तरीके से नियुक्ति की गई है और इसमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील में कहा कि एनजीओ को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि संवैधानिक पीठ ने नियुक्ति की फाइल देख ली है लेकिन इसने निरस्त करने से इनकार कर दिया.

उच्चतम न्यायालय ने दो मार्च को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से बचाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि उनकी नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएंगी ताकि 'चुनाव प्रक्रिया की शुचिता' कायम रह सके.

ये भी पढ़ें- Delhi liquor policy case: सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 04 सितंबर को

शीर्ष अदालत ने पूर्व नौकरशाह अरुण गोयल को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल को 24 घंटे में विभिन्न विभागों द्वारा तीव्र गति से मंजूरी दी गयी थी. केंद्र ने न्यायालय की टिप्पणियों का विरोध किया था और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कहा था कि गोयल की नियुक्ति से जुड़े पूरे मामले पर विस्तारपूर्वक गौर किया जाना चाहिए. निर्वाचन आयोग (चुनाव आयुक्त की सेवा और कारोबार का संव्यवहार शर्तों) अधिनियम, 1991 के तहत निर्वाचन आयुक्त का छह साल या 65 वर्ष की आयु तक का कार्यकाल हो सकता है. पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी गोयल को 19 नवंबर को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.