नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. शीर्ष अदालत गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली, वकील अशोक पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
उच्चतम न्यायालय द्वारा चार अगस्त को राहुल गांधी की 'मोदी' उपनाम पर एक टिप्पणी से संबंधित मामले में उनकी सजा पर रोक लगाए जाने के बाद, लोकसभा सचिवालय ने गांधी की सदस्यता बहाल कर दी थी. कांग्रेस नेता को मार्च 2023 में निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ उनके'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?' पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. यह टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी.
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बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने 7 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की थी. इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने सात जुलाई को ही राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी.