नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों सरकारों को राज्य सूचना आयोग में लंबित अपीलों और रिक्तियों की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. समाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका पर न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने यह फैसला सुनाया है.
आपको बता दें कि भारद्वाज ने याचिका में राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों के संबंध में शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पदों को 8 से बढ़ाकर 11 नहीं करने और मौजूदा पदों को भी नहीं भरने के लिए महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की.
भारद्वाज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि 8 पदों में से 4 पद अभी भी खाली हैं और लंबित मामले 2019 में 40,000 से बढ़कर 75,000 हो गए हैं.
कोर्ट ने राज्य को 3 सप्ताह के भीतर रिक्त पदों को भरने के लिए कहा है. अन्यथा कोर्ट द्वारा मुख्य सचिव तलब किया जाएगा.
तेलंगाना में भी सीआईसी का पद एक साल से रिक्त है, जिसके लिए तेलंगाना सरकार ने कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराया है. कोर्ट ने तेलंगान सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा कि क्या कोरोना सिर्फ तेलंगाना में है. कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को अगली तारीख तक रिक्त पद को भरने का आदेश दिया है.
यह भी पढ़ें- भंवरी प्रकरण : दस साल से जेल में बंद पूर्व विधायक मलखान सिंह को HC से जमानत
कर्नाटक में 11 पदों में से 8 भरे हुए हैं और शेष 3 के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है. केरल में कोई रिक्त पद नहीं है, लेकिन केरल सरकार ने अतिरिक्त पद को सृजित नहीं किया है. इसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
ओडिशा ने फैसले के अनुसार 3 के बजाय केवल 2 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं. वहीं नगालैंड में जनवरी, 2021 से सीआईसी का पद रिक्त पड़ा है, जिसे कोर्ट ने जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड में सूचना आयोग पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है. कोर्ट ने खाली पदों को भरने को कहा है. नहीं तो अदालत अगली तारीख को मुख्य सचिव को तलब करेगी. बता दें कि अन्य सभी राज्यों को भी अदालत द्वारा स्थिति रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया गया था.