नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया में इस चरण में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से बुधवार को मना कर दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया के इन प्रतिवेदनों पर गौर किया कि अगर याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं की गई तो चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी हो सकती है.
पीठ ने कहा कि यह मामला, आज उल्लेख किए जाने वाले मामलों की सूची में नहीं है और इसका बाद में उल्लेख किया जा सकता है. शीर्ष अदालत त्योहार की छुट्टियों और सप्ताहांत अवकाश के बाद काम करना आरंभ करेगी. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश पारित किया था और इसके खिलाफ बुधवार को याचिका दायर की गई. पीठ ने कहा, 'सभी (वकीलों) के लिए नियम समान हैं. किसी ऐसे मामले का आज उल्लेख नहीं होगा, जो सूचीबद्ध नहीं है.' कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार करते हुए कहा था कि 2023 के स्थानीय निकाय चुनावों में सीट आरक्षण मानदंड को लेकर याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी की दलील में दम है.
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के चुनाव कराने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया था. पीठ ने यह भी कहा कि डब्ल्यूबीएसईसी मतदान से संबंधित सभी फैसले लेगी और अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. शुभेंदु अधिकारी ने दो आधारों पर जनहित याचिका दायर की थी.
(पीटीआई-भाषा)