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एसवाईएल मुद्दा पंजाब-हरियाणा बातचीत से सुलझाएं: सुप्रीम कोर्ट

पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) को लेकर विवाद चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों से कहा है कि बातचीत के जरिए इसे सुलझाएं.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Sep 6, 2022, 4:29 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) को सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) के संबंध में बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने के लिए मिलने और चर्चा करने का निर्देश दिया.

पंजाब और हरियाणा के बीच पिछले 44 सालों से सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर विवाद चल रहा है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. 2 साल से अधिक समय के बाद शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. इससे पहले न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने इसे आखिरी बार सुना था जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

मंगलवार को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. भारत के महान्यायवादी केके वेणुगोपाल ने आज अदालत को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने पूर्व में पंजाब के सीएम को पत्र लिखा था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. 2016 के बाद से पंजाब के सीएम कभी मीटिंग के लिए नहीं आए. न्यायमूर्ति कौल ने टिप्पणी की कि पानी एक प्राकृतिक संसाधन है और केवल व्यक्ति के हितों को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है. शीर्ष कोर्ट ने जल शक्ति मंत्रालय को इस मुद्दे को हल करने के लिए एक महीने में उच्च स्तरीय बैठकें करने का भी निर्देश दिया.

गौरतलब है कि सतलुज यमुना लिंक का मामला हरियाणा और पंजाब के अस्तित्व में आने के बाद से ही शुरू हुआ है. दोनों राज्यों में पानी के बंटवारे को लेकर यह मामला चार दशक से अधिक समय से चला आ रहा है. पंजाब हमेशा से एसवाईएल के पानी को हरियाणा को देने का विरोध करता रहा है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने दोनों राज्यों के बीच सतलुज यमुना लिंक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की पहल शुरू की. लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है. यह विवाद चार दशक से भी अधिक समय से जस का तस बना हुआ है. एसवाईएस मुद्दा दोनों ही राज्यों में चुनावी मुद्दा बनता रहा है. दोनों राज्यों की ओर से इसके पानी को लेकर आए दिन बयान सामने आते रहते हैं.

पढ़ें- SYL के मुद्दे पर अनिल विज का सुशील गुप्ता पर तंज, बोले- आज से शुरू कर दें नहर की खुदाई

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) को सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) के संबंध में बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने के लिए मिलने और चर्चा करने का निर्देश दिया.

पंजाब और हरियाणा के बीच पिछले 44 सालों से सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर विवाद चल रहा है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. 2 साल से अधिक समय के बाद शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. इससे पहले न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने इसे आखिरी बार सुना था जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

मंगलवार को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. भारत के महान्यायवादी केके वेणुगोपाल ने आज अदालत को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने पूर्व में पंजाब के सीएम को पत्र लिखा था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. 2016 के बाद से पंजाब के सीएम कभी मीटिंग के लिए नहीं आए. न्यायमूर्ति कौल ने टिप्पणी की कि पानी एक प्राकृतिक संसाधन है और केवल व्यक्ति के हितों को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है. शीर्ष कोर्ट ने जल शक्ति मंत्रालय को इस मुद्दे को हल करने के लिए एक महीने में उच्च स्तरीय बैठकें करने का भी निर्देश दिया.

गौरतलब है कि सतलुज यमुना लिंक का मामला हरियाणा और पंजाब के अस्तित्व में आने के बाद से ही शुरू हुआ है. दोनों राज्यों में पानी के बंटवारे को लेकर यह मामला चार दशक से अधिक समय से चला आ रहा है. पंजाब हमेशा से एसवाईएल के पानी को हरियाणा को देने का विरोध करता रहा है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने दोनों राज्यों के बीच सतलुज यमुना लिंक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की पहल शुरू की. लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है. यह विवाद चार दशक से भी अधिक समय से जस का तस बना हुआ है. एसवाईएस मुद्दा दोनों ही राज्यों में चुनावी मुद्दा बनता रहा है. दोनों राज्यों की ओर से इसके पानी को लेकर आए दिन बयान सामने आते रहते हैं.

पढ़ें- SYL के मुद्दे पर अनिल विज का सुशील गुप्ता पर तंज, बोले- आज से शुरू कर दें नहर की खुदाई

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