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Set Up Online RTI portal : सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- सभी उच्च न्यायालय तीन महीने में RTI पोर्टल स्थापित करें - ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन महीने में सभी हाईकोर्ट में आरटीआई पोर्टल स्थापित किया जाए. एक याचिका की सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने ये निर्देश दिया (SC asks HCs to set up online RTI portal).

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Published : Mar 20, 2023, 9:20 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को सभी उच्च न्यायालयों को तीन महीने में सूचना का अधिकार (आरटीआई) वेबसाइट स्थापित करने का निर्देश दिया (SC asks HCs to set up online RTI portal).

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऑनलाइन सुविधाओं से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के उद्देश्यों को पूरा करने में काफी सुविधा होगी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी एक पोर्टल स्थापित किया था, जिसका मकसद था कि लोग आरटीआई आवेदन की मदद से शीर्ष अदालत के बारे में जानकारी हासिल कर सकें.

न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की सदस्यता वाली पीठ को बताया गया कि दिल्ली, मध्य प्रदेश और ओडिशा के उच्च न्यायालयों ने पहले ही इस उद्देश्य के लिए वेब पोर्टल स्थापित कर लिए हैं, जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई जा रही वेबसाइट इस्तेमाल कर रहा है.

पीठ ने कहा, 'हमारा विचार है कि इस आदेश की तारीख से तीन महीने के अंदर देश के सभी उच्च न्यायालयों में इस तरह की कवायद पूरी हो जानी चाहिए.' शीर्ष अदालत उच्च न्यायालयों के साथ-साथ जिला न्यायपालिका के लिए ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

पीठ ने उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को मुख्य न्यायाधीश से प्रशासनिक निर्देश लेने के लिए कहा. पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के संसाधनों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होंगे. एनआईसी उच्च न्यायालयों को इस संबंध में सभी तार्किक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.'

ऑनलाइन सुविधाओं से अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने में काफी सुविधा होगी. हालांकि अधिनियम को 17 साल के अंतराल के बाद अक्टूबर 2005 में अधिनियमित किया गया था, फिर भी कुछ उच्च न्यायालयों द्वारा ऑनलाइन वेब पोर्टलों का संचालन किया जाना बाकी है.

पढ़ें- SC ने लिव-इन रिलेशन के पंजीकरण से जुड़ी याचिका को किया खारिज, कहा- मूर्खतापूर्ण विचार

(PTI)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को सभी उच्च न्यायालयों को तीन महीने में सूचना का अधिकार (आरटीआई) वेबसाइट स्थापित करने का निर्देश दिया (SC asks HCs to set up online RTI portal).

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऑनलाइन सुविधाओं से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के उद्देश्यों को पूरा करने में काफी सुविधा होगी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी एक पोर्टल स्थापित किया था, जिसका मकसद था कि लोग आरटीआई आवेदन की मदद से शीर्ष अदालत के बारे में जानकारी हासिल कर सकें.

न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की सदस्यता वाली पीठ को बताया गया कि दिल्ली, मध्य प्रदेश और ओडिशा के उच्च न्यायालयों ने पहले ही इस उद्देश्य के लिए वेब पोर्टल स्थापित कर लिए हैं, जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई जा रही वेबसाइट इस्तेमाल कर रहा है.

पीठ ने कहा, 'हमारा विचार है कि इस आदेश की तारीख से तीन महीने के अंदर देश के सभी उच्च न्यायालयों में इस तरह की कवायद पूरी हो जानी चाहिए.' शीर्ष अदालत उच्च न्यायालयों के साथ-साथ जिला न्यायपालिका के लिए ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

पीठ ने उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को मुख्य न्यायाधीश से प्रशासनिक निर्देश लेने के लिए कहा. पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के संसाधनों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होंगे. एनआईसी उच्च न्यायालयों को इस संबंध में सभी तार्किक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.'

ऑनलाइन सुविधाओं से अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने में काफी सुविधा होगी. हालांकि अधिनियम को 17 साल के अंतराल के बाद अक्टूबर 2005 में अधिनियमित किया गया था, फिर भी कुछ उच्च न्यायालयों द्वारा ऑनलाइन वेब पोर्टलों का संचालन किया जाना बाकी है.

पढ़ें- SC ने लिव-इन रिलेशन के पंजीकरण से जुड़ी याचिका को किया खारिज, कहा- मूर्खतापूर्ण विचार

(PTI)

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