नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ( Sajjan Kumar) की चिकित्सकीय हालत की जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया. कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध न्यायालय से किया है.
न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कुमार की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और उसे कांग्रेस के इस पूर्व नेता की चिकित्सकीय हालत की जांच करके एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
पूर्व सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि कुमार को उपचार के लिए निजी अस्पताल ले जाया जाना चाहिए क्योंकि यहां के एक सरकारी अस्पताल में उनकी हालत स्थिर नहीं हुई है.
पीठ ने कहा,' हम चाहते हैं कि राज्य से कोई इसकी जांच करे. हम चाहते हैं कि राज्य जांच करे कि चिकित्सकीय हालत कैसी है.'
सिंह ने कहा कि पहले भी कुमार का उपचार निजी अस्पताल के चिकित्सक ने किया था और उनका फिर से वहीं इलाज कराया जा सकता है. इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि कुमार को उच्च न्यायालय से 2010 में अंतरिम जमानत मिल गई थी और उन्हें उच्च न्यायालय से दोषी ठहराए जाने के बाद ही जेल भेजा गया था.
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उन्होंने पीठ से कहा,' यह स्तब्धकारी है.' उन्होंने कहा कि दंगों के वक्त लोगों को जिबह किया गया.
इस पर सिंह ने कहा कि इस तरह के गैर जिम्मेदारी वाले बयान नहीं दिये जाने चाहिए. दवे ने दलील दी कि यह गैर जिम्मेदाराना नहीं है. यह एक गंभीर मामला है.
सिंह ने कहा कि उन्हें मामले के मेरिट पर कुछ भी बहस नहीं करनी चाहिए.
दवे ने कहा,'निजी अस्पतालों और इस ताकतवर दोषी को ले कर मेरे गंभीर पूर्वाग्रह हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष सितंबर में स्वास्थ्स आधार पर अंतरिम जमानत की कुमार की याचिका को खारिज कर दिया था.
उच्च नयायालय ने सिख विराधी दंगे से संबंधित मामले में सज्जन कुमार और अन्य को 17 दिसंबर 2018 को दोषी ठहराते हुए निचली अदालत का 2013 का फैसला पलटते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
इस मामले की अब छह सितंबर को आगे सुनवाई होगी.
(पीटीआई)