नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी भाजपा के टिकट पर निर्वाचित होने के बाद कथित रूप से दल-बदल करके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका पर निर्णय लेंगे.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा के सचिव तथा निर्वाचन अधिकारी द्वारा दायर दो अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई कर रही थी.
उच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को अध्यक्ष से कहा था कि मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका पर सात अक्टूबर तक फैसला लें.
उच्चतम न्यायालय ने बनर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि रॉय को अयोग्य ठहराये जाने के अनुरोध संबंधी याचिका पर 21 दिसंबर को अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई होनी है.
पीठ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अध्यक्ष 21 दिसंबर, 2021 को मामले की सुनवाई करेंगे और कानून के अनुसार इस पर फैसला करेंगे.'
न्यायालय ने इस मामले में अब अगले साल जनवरी में सुनवाई करेगा.
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने 17 जून को अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर रॉय को विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था और दावा किया था कि वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
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राज्य के भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने जुलाई में मुकुल रॉय को लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उन्होंने परंपरा के अनुसार इस पद पर विपक्षी सदस्य के नामांकन का अनुरोध किया था.
(पीटीआई-भाषा)