ETV Bharat / bharat

बाबा रामदेव एलोपैथी पर दिए अपने बयान की मूल रिकॉर्ड पेश करें : सुप्रीम कोर्ट - रामदेव से एलोपैथी वाले अपने ही बयान पर मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बाबा रामदेव से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करें. चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा,असल में उन्होंने क्या कहा था.

रामदेव
रामदेव
author img

By

Published : Jun 30, 2021, 1:59 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 3:05 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बाबा रामदेव से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करें प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा,कि असल में उन्होंने क्या कहा था. आपने सारी बातें पेश नहीं की है. रोहतगी ने पीठ को बताया कि वह प्रतिलिपि के साथ मूल वीडियो पेश करेंगे पीठ ने कहा, ठीक है. इसी के साथ अदालत ने मामले को पांच जुलाई तक स्थगित कर दिया.

न्यायालय बाबा रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर बिहार तथा छत्तीसगढ़ में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज करायी कई प्राथमिकियों के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह लोगों को महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती है.

रामदेव ने अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान रोहतगी ने पीठ से कहा कि रामदेव एक प्रतिष्ठित शख्स हैं और योग तथा आयुर्वेद के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने वॉट्सएप पर आए एक संदेश को पढ़ा था, जो उन्हें भेजा गया था.

रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने स्पष्ट किया है कि उनके दिल में डॉक्टरों तथा किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं है. अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गयी हैं। इन शिकायतों को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए.

रोहतगी ने कहा कि पिछले साल जब पतंजलि ‘कोरोनिल’ लेकर आयी थी तो एलोपैथिक डॉक्टर उनके खिलाफ हो गए थे. उन्होंने कहा, वह (रामदेव) उनके खिलाफ नहीं है. उन्हें इतनी सारी जगहों पर क्यों जाना चाहिए। हर किसी को बोलने की आजादी है.

यह भी पढ़ें- एलोपैथ V/S आयुर्वेद विवाद : बाबा रामदेव को IMA ने खुली बहस के लिए दी चुनौती

योग गुरु पर भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को अनुचित करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था.

रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है.

(पीटाआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बाबा रामदेव से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करें प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा,कि असल में उन्होंने क्या कहा था. आपने सारी बातें पेश नहीं की है. रोहतगी ने पीठ को बताया कि वह प्रतिलिपि के साथ मूल वीडियो पेश करेंगे पीठ ने कहा, ठीक है. इसी के साथ अदालत ने मामले को पांच जुलाई तक स्थगित कर दिया.

न्यायालय बाबा रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर बिहार तथा छत्तीसगढ़ में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज करायी कई प्राथमिकियों के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह लोगों को महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती है.

रामदेव ने अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान रोहतगी ने पीठ से कहा कि रामदेव एक प्रतिष्ठित शख्स हैं और योग तथा आयुर्वेद के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने वॉट्सएप पर आए एक संदेश को पढ़ा था, जो उन्हें भेजा गया था.

रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने स्पष्ट किया है कि उनके दिल में डॉक्टरों तथा किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं है. अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गयी हैं। इन शिकायतों को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए.

रोहतगी ने कहा कि पिछले साल जब पतंजलि ‘कोरोनिल’ लेकर आयी थी तो एलोपैथिक डॉक्टर उनके खिलाफ हो गए थे. उन्होंने कहा, वह (रामदेव) उनके खिलाफ नहीं है. उन्हें इतनी सारी जगहों पर क्यों जाना चाहिए। हर किसी को बोलने की आजादी है.

यह भी पढ़ें- एलोपैथ V/S आयुर्वेद विवाद : बाबा रामदेव को IMA ने खुली बहस के लिए दी चुनौती

योग गुरु पर भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को अनुचित करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था.

रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है.

(पीटाआई-भाषा)

Last Updated : Jun 30, 2021, 3:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.