ETV Bharat / bharat

SC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जौहर विश्वविद्यालय की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने को कहा - जौहर यूनिवर्सिटी

पीठ ने कहा कि जिस खंडपीठ ने मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रखा था, उसमें से एक न्यायाधीश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, और कार्यवाही को एक नई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करना होगा. Supreme Court, land of Jauhar University, Jauhar University, SC on land of Jauhar University

SC on land of Jauhar University
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 1, 2023, 12:58 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की याचिका पर तत्काल सुनवाई करे. जौहर ट्रस्ट की याचिका में रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि उस पीठ में शामिल न्यायाधीशों में से एक का तबादला कर दिया गया है, इसलिए वह सुनवाई नहीं कर सकते. सिब्बल ने कहा कि यह निंदनीय है और उस स्कूल में कई सौ लड़कियां हैं. हमने जनवरी में याचिका दायर की थी. वे कहते हैं कि आप खाली कर दीजिए. उन्हें अंतरिम आदेश पारित करना चाहिए था.

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने सिब्बल को उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पास जाने के लिए कहा. सिब्बल ने कहा कि हमने कई बार ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि यह मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है.

सीजेआई ने कहा कि विवादित आदेश से ऐसा लगता है कि फैसला कुछ समय पहले सुरक्षित रखा गया था. लेकिन पीठ ने यह कहते हुए कि इसे सुनने के लिए और समय की जरूरत है मामले को आंशिक सुनवाई की स्थिति से मुक्त कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जिस खंडपीठ ने मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रखा था, उसमें से एक न्यायाधीश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है. अब सुनवाई के लिए मामले को नई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करना होगा.

पीठ ने निर्देश दिया कि रिट याचिका को तत्काल याचिका में दिखाया जाए. इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए. पीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत के लिए एक आवेदन के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास जाने की स्वतंत्रता देते हैं, जिस पर उसकी योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की याचिका पर तत्काल सुनवाई करे. जौहर ट्रस्ट की याचिका में रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि उस पीठ में शामिल न्यायाधीशों में से एक का तबादला कर दिया गया है, इसलिए वह सुनवाई नहीं कर सकते. सिब्बल ने कहा कि यह निंदनीय है और उस स्कूल में कई सौ लड़कियां हैं. हमने जनवरी में याचिका दायर की थी. वे कहते हैं कि आप खाली कर दीजिए. उन्हें अंतरिम आदेश पारित करना चाहिए था.

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने सिब्बल को उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पास जाने के लिए कहा. सिब्बल ने कहा कि हमने कई बार ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि यह मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है.

सीजेआई ने कहा कि विवादित आदेश से ऐसा लगता है कि फैसला कुछ समय पहले सुरक्षित रखा गया था. लेकिन पीठ ने यह कहते हुए कि इसे सुनने के लिए और समय की जरूरत है मामले को आंशिक सुनवाई की स्थिति से मुक्त कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जिस खंडपीठ ने मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रखा था, उसमें से एक न्यायाधीश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है. अब सुनवाई के लिए मामले को नई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करना होगा.

पीठ ने निर्देश दिया कि रिट याचिका को तत्काल याचिका में दिखाया जाए. इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए. पीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत के लिए एक आवेदन के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास जाने की स्वतंत्रता देते हैं, जिस पर उसकी योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.