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उद्धव गुट को झटका, 'असली' शिवसेना तय करने वाली EC की कार्यवाही पर कोर्ट ने नहीं लगाई रोक - धनुष और तीर का चिह्न आवंटन

सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह के 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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Published : Sep 27, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 5:39 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह के 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्यवाही (ec to decide on real shiv sena) पर रोक लगाने की उद्धव ठाकरे समूह की याचिका को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को यह तय करने की अनुमति दी कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच किस गुट को 'असली' शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता दी जाए और धनुष और तीर का चिह्न आवंटित (bow and arrow icon allocation) किया जाए.

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिवसेना के चुनाव चिह्न पर सुनवाई की. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने इस मामले में चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि कोर्ट के संविधान पीठ ने इस मामले में पिछली सुनवाई सात सितंबर को की थी. एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई है. दोनों गुट पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा कर रहे हैं.

बता दें कि सात सितंबर को हुई सुनवाई में पीठ के सदस्य जस्टिस एम. आर. शाह ने कहा था, "आप लोग अपनी ऊर्जा 27 सितंबर के लिए बचा कर रखें." वहीं, पीठ के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था, "सभी लोग दो-दो पन्ने की संक्षिप्त दलीलें जमा करवाएं. अगली सुनवाई में कोशिश की जाएगी कि इस मसले को हल कर दिया जाए."

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह के 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्यवाही (ec to decide on real shiv sena) पर रोक लगाने की उद्धव ठाकरे समूह की याचिका को खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को यह तय करने की अनुमति दी कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच किस गुट को 'असली' शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता दी जाए और धनुष और तीर का चिह्न आवंटित (bow and arrow icon allocation) किया जाए.

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिवसेना के चुनाव चिह्न पर सुनवाई की. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने इस मामले में चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि कोर्ट के संविधान पीठ ने इस मामले में पिछली सुनवाई सात सितंबर को की थी. एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई है. दोनों गुट पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा कर रहे हैं.

बता दें कि सात सितंबर को हुई सुनवाई में पीठ के सदस्य जस्टिस एम. आर. शाह ने कहा था, "आप लोग अपनी ऊर्जा 27 सितंबर के लिए बचा कर रखें." वहीं, पीठ के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था, "सभी लोग दो-दो पन्ने की संक्षिप्त दलीलें जमा करवाएं. अगली सुनवाई में कोशिश की जाएगी कि इस मसले को हल कर दिया जाए."

Last Updated : Sep 27, 2022, 5:39 PM IST
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