ETV Bharat / bharat

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : SC ने CBI जांच के खिलाफ मुकदमे पर सुनवाई स्थगित की

पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद हुई हिंसा (post poll violence) के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. बंगाल सरकार सरकार का कहना है कि सीबीआई राज्य की पूर्व अनुमति लिए बगैर ही यह जांच कर रही है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. शीर्ष अदालत ने सुनवाई 16 नबंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Oct 22, 2021, 3:31 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार के वाद पर शुक्रवार को सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी. राज्य सरकार का आरोप है कि सीबीआई राज्य की पूर्व अनुमति लिए बगैर ही यह जांच कर रही है जबकि कानून के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केंद्र ने राज्य के मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है और वह मामले पर नियमित सुनवाई के दिन विचार करेगी.

पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से अनुरोध किया कि इसके लिए कोई तारीख निर्धारित कर दी जाए क्योंकि सीबीआई प्राथमिकियों को लेकर आगे बढ़ रही है.

पीठ ने कहा, 'हम 16 नवंबर को इस पर सुनवाई करेंगे. यदि कोई प्रत्युत्तर या अतिरिक्त दस्तावेज हैं, तो पक्षकार उन्हें दाखिल कर सकते हैं.'

बंगाल सरकार का ये है तर्क
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर अपने मूल दीवानी मुकदमे में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के प्रावधानों का हवाला दिया है. राज्य सरकार का तर्क है कि सीबीआई राज्य सरकार से अनुमति लिए बिना जांच कर रही है और प्राथमिकी दर्ज कर रही है, जबकि कानून के तहत ऐसा करने के लिए राज्य की पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य है. अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय के पास है.

पढ़ें- बंगाल चुनाव बाद हिंसा: सीबीआई के सामने आने लगे नए मामले

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में हाल में कई प्राथमिकी दर्ज की हैं. राज्य सरकार ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकियों की जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने केन्द्रीय एजेंसी को जांच के लिये दी गयी सामान्य संतुति पहले ही वापस ले ली है, इसलिए दर्ज प्राथमिकियों पर जांच नहीं की जा सकती. वकील सुहान मुखर्जी के जरिए दायर वाद में भविष्य में इस तरह की हर प्राथमिकी पर रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया गया है.

पढ़ें- बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : CBI, SIT ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार के वाद पर शुक्रवार को सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी. राज्य सरकार का आरोप है कि सीबीआई राज्य की पूर्व अनुमति लिए बगैर ही यह जांच कर रही है जबकि कानून के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केंद्र ने राज्य के मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है और वह मामले पर नियमित सुनवाई के दिन विचार करेगी.

पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से अनुरोध किया कि इसके लिए कोई तारीख निर्धारित कर दी जाए क्योंकि सीबीआई प्राथमिकियों को लेकर आगे बढ़ रही है.

पीठ ने कहा, 'हम 16 नवंबर को इस पर सुनवाई करेंगे. यदि कोई प्रत्युत्तर या अतिरिक्त दस्तावेज हैं, तो पक्षकार उन्हें दाखिल कर सकते हैं.'

बंगाल सरकार का ये है तर्क
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर अपने मूल दीवानी मुकदमे में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के प्रावधानों का हवाला दिया है. राज्य सरकार का तर्क है कि सीबीआई राज्य सरकार से अनुमति लिए बिना जांच कर रही है और प्राथमिकी दर्ज कर रही है, जबकि कानून के तहत ऐसा करने के लिए राज्य की पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य है. अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय के पास है.

पढ़ें- बंगाल चुनाव बाद हिंसा: सीबीआई के सामने आने लगे नए मामले

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में हाल में कई प्राथमिकी दर्ज की हैं. राज्य सरकार ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकियों की जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने केन्द्रीय एजेंसी को जांच के लिये दी गयी सामान्य संतुति पहले ही वापस ले ली है, इसलिए दर्ज प्राथमिकियों पर जांच नहीं की जा सकती. वकील सुहान मुखर्जी के जरिए दायर वाद में भविष्य में इस तरह की हर प्राथमिकी पर रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया गया है.

पढ़ें- बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : CBI, SIT ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.