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महीने के आखिर में खाली हो जाती है जेब ? जानिये बचत के टिप्स - बचत कैसे करें

क्या आपके खर्चे आपकी आय से ज्यादा हैं ? महीने के आखिर में आप उधार लेते हैं ? तो आइये आपको बताते हैं बचत के वो टिप्स जिनसे आपकी मुश्किल हल हो सकती है.

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Published : Dec 22, 2021, 7:10 PM IST

हैदराबाद: आपके दोस्त, साथी, रिश्तेदार या आस-पास ऐसे लोग भी होंगे जो कुछ ही दिनों में अपनी तनख्वाह खर्च कर देते हैं और फिर बाद में कई दिक्कतों का सामना करते हैं. खासकर महीने के आखिर में पैसे की दिक्कत कई लोग झेलते हैं. ये सब वित्तीय कुप्रबंधन (Financial mismanagement) यानी पैसे को बिना प्लानिंग किए खर्च करने से होता है. इसलिये तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए कुछ पैसे बचाना बहुत जरूरी है. ऐसे खर्चीले लोगों को बचत के टिप्स की जरूरत होती है (saving tips for spendthrifts)

हर व्यक्ति पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है लेकिन इस मेहनत की कमाई को बचाने में कुछ लोग दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. महीने की आय या सैलरी को कुछ ही दिनों में खर्च कर देते हैं और जेब खाली होने पर खुद को मुश्किलों में घिरा पाते हैं. इस तरह की परेशानियां सिर्फ और सिर्फ प्लानिंग के अभाव में पेश आती हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको बचत के कुछ टिप्स (saving tips) देते हैं.

गैर जरूरी चीजों की खरीदारी से बचें (Avoid buying non-essential items)

लोगों को अलग-अलग तरह की चीजों पर पैसा खर्च करने की आदत होती है. कुछ शौक या पसंद की वजह से चीजें खरीदते हैं तो कुछ बाहर खाना खाने पर पैसा खर्चते हैं. पैसा खर्च करने की इस तरह की आदतें धीरे-धीरे बुराइयों में बदल जाती हैं. लोगों के इस तरह की अनावश्यक चीजों पर खर्च करने की आदत उन्हें खाली हाथ रखती है यानी उनका बचत से कोई सरोकार नहीं रहता. इस तरह के अनावश्यक खर्च की आदतें उन्हें उधार लेने पर मजबूर करती हैं, जो धीरे-धीरे आदत बन जाती हैं. ऐसी शर्मनाक स्थिति से बचने के लिए बेहतर होगा कि अपनी आदतों को बदलें और इस तरह के अनावश्यक खर्च से बचें. इस तरह बेवजह अनावश्यक चीजों पर खर्च करने की आदत से छुटकारा मिलते ही आपको बचत होने लगी और जिन दिनों के लिए आप उधार पर निर्भर रहते थे, उन दिनों में भी आपके पास कैश होगा.

बचत को आदत बनाएं (Make saving a habit)

खास तौर पर पैसा बचाने के लिए अपनी कमाई में से एक निश्चित राशि बचत के लिए तय करें. सैलरी या आय होने पर वो निर्धारित हिस्सा अलग कर लें और बाकी बचे पैसे से अपने खर्चों को पूरा करने की योजना बनाएं. बचत की राशि को बैंक खाते या फिक्सड डिपॉजिट समेत अन्य बचत योजनाओं में जमा करवा सकते हैं.

खरीदारी के वक्त लोगों की प्रवृति महंगी चीज खरीदने की होती है, जो एक समझदारी वाला फैसला नहीं है. गुणवत्ता या जरूरत की चीज खरीदने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन उसपर अधिक खर्च करने से पहले दो बार विचार करें. अगर कोई महंगा उत्पाद ही एकमात्र विकल्प है तो उसे तुरंत खरीदने की बजाय कुछ वक्त लें और उसकी जरूरत के बारे में सोचें. सोच-विचार के बाद भी अगर लगता है कि वो महंगा उत्पाद जरूरी है तो ही उसे खरीदें.

लक्ष्यों के आधार पर लें फैसले (Goal-centric decisions)

इसके अलावा, इस बारे में सोचें कि अभी क्या जरूरी है और भविष्य में क्या आवश्यक है. इसी आधार पर अपनी योजना बनाएं. क्योंकि बचत योजना को मजबूत बनाने के लिए दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं. अगर तीन महीने के बाद आपको पैसों की जरूरत पड़ने वाली है तो इसके लिए क्या करना होगा ? इसी तरह सोचिए कि अगर 3 साल बाद किसी काम के लिए पैसे की जरूरत है तो उसी हिसाब से अपनी बचत को बढ़ाएं. इसके अलावा, हर लक्ष्य समय और धन की मांग करता है, इसी आधार पर तैयारी करें. फिर अपनी गणना के आधार पर विभिन्न निवेश विकल्पों के बारे में सोचें और सही विकल्पों में निवेश करें.

भोग विलास पर जरूरत को दें तरजीह (Give preference to needs over luxuries)

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक-एक रुपया मायने रखता है, "हमें उसी पर विश्वास करने की जरूरत है. तभी हम खर्च और बजट पर कड़ा नियंत्रण रख सकते हैं. साथ ही जरूरत, भोग-विलास और बुरी आदत के बीच अंतर को स्पष्ट रूप से समझने की जरूरत है. अपने सभी खर्चों को पूरा करने के लिए एक निर्धारित राशि तय करें लेकिन जरूरत को भोग विलास पर तरजीह दें. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा और हर महीने छोटी-छोटी बचत से आपके पास एक वक्त के बाद अच्छी खासी राशि जमा हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: बचत या उधार (Savings or Borrowing): शेयर बाजार में निवेश के लिए लोन लें या अपनी बचत का इस्तेमाल करें ?

हैदराबाद: आपके दोस्त, साथी, रिश्तेदार या आस-पास ऐसे लोग भी होंगे जो कुछ ही दिनों में अपनी तनख्वाह खर्च कर देते हैं और फिर बाद में कई दिक्कतों का सामना करते हैं. खासकर महीने के आखिर में पैसे की दिक्कत कई लोग झेलते हैं. ये सब वित्तीय कुप्रबंधन (Financial mismanagement) यानी पैसे को बिना प्लानिंग किए खर्च करने से होता है. इसलिये तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए कुछ पैसे बचाना बहुत जरूरी है. ऐसे खर्चीले लोगों को बचत के टिप्स की जरूरत होती है (saving tips for spendthrifts)

हर व्यक्ति पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है लेकिन इस मेहनत की कमाई को बचाने में कुछ लोग दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. महीने की आय या सैलरी को कुछ ही दिनों में खर्च कर देते हैं और जेब खाली होने पर खुद को मुश्किलों में घिरा पाते हैं. इस तरह की परेशानियां सिर्फ और सिर्फ प्लानिंग के अभाव में पेश आती हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको बचत के कुछ टिप्स (saving tips) देते हैं.

गैर जरूरी चीजों की खरीदारी से बचें (Avoid buying non-essential items)

लोगों को अलग-अलग तरह की चीजों पर पैसा खर्च करने की आदत होती है. कुछ शौक या पसंद की वजह से चीजें खरीदते हैं तो कुछ बाहर खाना खाने पर पैसा खर्चते हैं. पैसा खर्च करने की इस तरह की आदतें धीरे-धीरे बुराइयों में बदल जाती हैं. लोगों के इस तरह की अनावश्यक चीजों पर खर्च करने की आदत उन्हें खाली हाथ रखती है यानी उनका बचत से कोई सरोकार नहीं रहता. इस तरह के अनावश्यक खर्च की आदतें उन्हें उधार लेने पर मजबूर करती हैं, जो धीरे-धीरे आदत बन जाती हैं. ऐसी शर्मनाक स्थिति से बचने के लिए बेहतर होगा कि अपनी आदतों को बदलें और इस तरह के अनावश्यक खर्च से बचें. इस तरह बेवजह अनावश्यक चीजों पर खर्च करने की आदत से छुटकारा मिलते ही आपको बचत होने लगी और जिन दिनों के लिए आप उधार पर निर्भर रहते थे, उन दिनों में भी आपके पास कैश होगा.

बचत को आदत बनाएं (Make saving a habit)

खास तौर पर पैसा बचाने के लिए अपनी कमाई में से एक निश्चित राशि बचत के लिए तय करें. सैलरी या आय होने पर वो निर्धारित हिस्सा अलग कर लें और बाकी बचे पैसे से अपने खर्चों को पूरा करने की योजना बनाएं. बचत की राशि को बैंक खाते या फिक्सड डिपॉजिट समेत अन्य बचत योजनाओं में जमा करवा सकते हैं.

खरीदारी के वक्त लोगों की प्रवृति महंगी चीज खरीदने की होती है, जो एक समझदारी वाला फैसला नहीं है. गुणवत्ता या जरूरत की चीज खरीदने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन उसपर अधिक खर्च करने से पहले दो बार विचार करें. अगर कोई महंगा उत्पाद ही एकमात्र विकल्प है तो उसे तुरंत खरीदने की बजाय कुछ वक्त लें और उसकी जरूरत के बारे में सोचें. सोच-विचार के बाद भी अगर लगता है कि वो महंगा उत्पाद जरूरी है तो ही उसे खरीदें.

लक्ष्यों के आधार पर लें फैसले (Goal-centric decisions)

इसके अलावा, इस बारे में सोचें कि अभी क्या जरूरी है और भविष्य में क्या आवश्यक है. इसी आधार पर अपनी योजना बनाएं. क्योंकि बचत योजना को मजबूत बनाने के लिए दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं. अगर तीन महीने के बाद आपको पैसों की जरूरत पड़ने वाली है तो इसके लिए क्या करना होगा ? इसी तरह सोचिए कि अगर 3 साल बाद किसी काम के लिए पैसे की जरूरत है तो उसी हिसाब से अपनी बचत को बढ़ाएं. इसके अलावा, हर लक्ष्य समय और धन की मांग करता है, इसी आधार पर तैयारी करें. फिर अपनी गणना के आधार पर विभिन्न निवेश विकल्पों के बारे में सोचें और सही विकल्पों में निवेश करें.

भोग विलास पर जरूरत को दें तरजीह (Give preference to needs over luxuries)

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक-एक रुपया मायने रखता है, "हमें उसी पर विश्वास करने की जरूरत है. तभी हम खर्च और बजट पर कड़ा नियंत्रण रख सकते हैं. साथ ही जरूरत, भोग-विलास और बुरी आदत के बीच अंतर को स्पष्ट रूप से समझने की जरूरत है. अपने सभी खर्चों को पूरा करने के लिए एक निर्धारित राशि तय करें लेकिन जरूरत को भोग विलास पर तरजीह दें. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा और हर महीने छोटी-छोटी बचत से आपके पास एक वक्त के बाद अच्छी खासी राशि जमा हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: बचत या उधार (Savings or Borrowing): शेयर बाजार में निवेश के लिए लोन लें या अपनी बचत का इस्तेमाल करें ?

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