देहरादून: उत्तराखंड के जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पिलर्स पर बौद्ध मंत्र लिखे होने पर विवाद उठाए गए हैं. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर मौजूद 8 खंभों पर लिखे बौद्ध मंत्रों को बदला जाएगा. एक पिलर को छोड़कर अन्य पर संस्कृत के मंत्रों को लिखा जाएगा, क्योंकि यहां केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे धाम हैं. गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां देवभूमि से निकलती हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. ऐसे में उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी से इस संबंध में बातचीत की है.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाए सवाल: दरअसल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर मौजूद पिलरों पर लिखे बौद्ध मंत्रों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि ये देवभूमि है. यहां बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे धाम हैं. गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां निकलती हैं. चारधाम कहकर इसका खूब प्रचार किया जाता है. हर साल लाखों लोगों को यहां आमंत्रित किया जाता है, जिससे उत्तराखंड को करोड़ों की आमदनी भी होती है. बावजूद इसके एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर मौजूद 8 खंभों में बौद्ध मंत्र लिखे गए हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि खंभों पर क्या जय बदरी विशाल, जय केदार, जय गंगे, जय जमुना, जय उत्तराखंड, जय भगवान शंकराचार्य नहीं हो सकता था? सभी आठों खंभों पर बौद्ध मंत्र लिखवा दिया गया है. शंकराचार्य की नाराजगी पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज तत्काल एक्शन मोड में आ गए हैं. उन्होंने बौद्ध मंत्र लिखे पिलर्स पर वैदिक मंत्र लिखने की बात कही है.
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वह जब जौलीग्रांट एयरपोर्ट का निरीक्षण करने गए थे, तो उस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी से बात की थी. इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने आश्वासन दिया है कि एक पिलर को छोड़ सभी पिलर से बौद्ध मंत्र हटाकर संस्कृत के मंत्रों को लिखा जाएगा. सतपाल महाराज ने कहा कि अगर शंकराचार्य जी ने यह कहा है तो उनका यह सुझाव सराहनीय है. इसपर अमल जरूर किया जाएगा.