भोपाल/सतना। तो अब आप उस चिंता से मुक्त हो जाइए कि डॉक्टर साहब ने बीमारी के ब्यौरे के साथ पर्चे पर अंग्रेजी में जो दवाईयां लिखी हैं, उन्हें केवल दवाखाने वाला ही पढ़ पाएगा. मेडिकल के हिंदी पाठ्यक्रम में अग्रणी बनें मध्यप्रदेश में अब डॉक्टर भी हिंदी में पर्चा बनाने की आदत डाल रहे हैं, ऐसे ही सतना जिले के डॉक्टर सर्वेश सिंह संभवत पहले डॉक्टर होंगे जिन्होंने इस घोषणा के साथ हिंदी में पर्चा लिखने की शुरुआत कर दी. सोशल मीडिया पर Rx की जगह श्री हरि के नाम से लिखा गया ये पर्चा खूब पढ़ा जा रहा है. पढ़ा इसलिए जा रहे हैं कि बीमारी के ब्यौरे से लेकर दवाईयों तक हैं तो सबकुछ अंग्रेजी में ही लेकिन इसकी लिपी देवनागिरी है. (Medical Prescription in Hindi)
अब हिंदी में होगा इलाज: श्री हरि के साथ हिंदी में डॉक्टर साहब के पर्चे का श्री गणेश हो गया. शुरुआत सतना से कही जा सकती है. देश में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मिसाल बने मध्यप्रदेश में हिंदी अब डॉक्टरों के पर्चे में दिखाई देगी, शुरुआत सतना के कोटर इलाके के प्राथमिक केन्द्र से मानी जा सकती है. यहां लौलाछ निवासी मरीज रश्मि सिंह पेट दर्द की तकलीफ लेकर डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंची थीं. डॉक्टर सर्वेश सिंह ने जांच के बाद मरीज की बीमारी के ब्यौरे से लेकर इलाज की दवाईयां तक सबकुछ हिंदी में लिखा. (Satna phc doctor sarvesh Singh)
पर्चे का प्रारुप भी दिलचस्प: श्री हरि के साथ शुरु किए गए इस पर्चे में बीमारी का ब्यौरा अंग्रेजी में ही है, लेकिन लिखा सबकुछ देवनागिरी में गया है. जैसे जांच की जगह लिखा गया है, पेन इन लोवर एब्डोमेन, मोशन नॉट पास सिंस थ्री डेज़. फिर जांच में पल्स रेट से लेकर, शुगर की जांच तक का ब्यौरा हिंग्लिश में है, यानि अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में लिखा गया है, जब पल्स को धड़कन और शुगर को मधुमेह नहीं लिखा गया तो दवाईयों का नाम हिंदी हो पाना तो नामुमिकन ही है. बस अंग्रेजी दवाईयों के नाम हिंदी में लिख दिये गए हैं. (satna doctor wrote medical prescription in hindi)
मरीजों ने कहा अब पढ़ पा रहे डॉक्टर का पर्चा: सतना जिले के कोटर इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त डॉक्टर सर्वेश सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण से प्रेरणा मिली कि, अब उन्हें हिंदी में पर्चा लिखने की शुरुआत कर देनी चाहिए. (cm shivraj shri hari advice)
मरीजों में ऐसा मिला रिस्पांस: डॉक्टर साहब के मरीज कह रहे हैं कि, "अब डॉक्टर साहब का पर्चा पढ़ने में आ रहा है, अब हम समझ पा रहे हैं कि दवा कब लेनी है. दवा का नाम भी पढ़ पा रहे हैं." वहीं डॉक्टर सिंह कहते हैं, "अब प्रयास कर रहे हैं कि बीमारी का पूरा ब्यौरा भी हिंदी में ही देंगे, जैसे पेन इन स्टोमक के बजाए पेट में दर्द, फीवर के बजाए बुखार जिससे मरीज को और स्पष्ट हो सके.