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'सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा, चीन ने अरुणाचल सीमा के पास गांवों, सड़कों का निर्माण किया' - एलएसी पर संघर्ष

एलएसी पर तनाव के बीच सैटेलाइट से कुछ तस्वीरें सामने आई है, जिसमें देखा जा सकता है कि चीन ने सीमावर्ती इलाकों में गांवों को बसाया है और वहां पर सड़कों को भी तैयार किया है. ये इलाके अरुणाचल प्रदेश से सटे हुए हैं. चार दिन पहले नौ दिसंबर को दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई.

area near to lac arunachal satellite image
सैटेलाइट इमेज, अरुणाचल प्रदेश सीमा से सटे इलाके चीन की ओर
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Published : Dec 13, 2022, 6:39 PM IST

नई दिल्ली : भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह हुई झड़प की बात सार्वजनिक होने के एक दिन बाद की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग से सटी भारत-चीन सीमा के किनारे गांवों का निर्माण किया है और पीएलए सेना ने उस तरफ एक सड़क भी बनाई है. भारतीय सेना के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि नौ दिसंबर 2022 को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए एलएसी के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया.

इस बीच, झड़प पर चीन का पहला बयान आया है. उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ उसकी सीमा पर हालात 'स्थिर' बने हुए हैं. जब भारत ने तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प का मुद्दा उठाया तो चीन ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, "जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है. राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर लगातार बातचीत चल रही है."

हालांकि, चीन ने कहा है कि भारत के साथ उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक नौ दिसंबर को एलएसी के पास कंटीली लाठियां लेकर आए थे. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है. रक्षा मंत्री द्वारा तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों, सीडीएस और एनएसए के साथ एक बैठक भी बुलाई गई थी. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को झड़प पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगभग 35 किमी उत्तर-पूर्व में यांग्त्से में 17,000 फीट की ऊंचाई पर हुई थी.

एक सूत्र ने बताया कि भारतीय और चीनी दोनों सैनिकों को चोटें आई हैं और घायल भारतीय सैनिकों में से छह को गुवाहाटी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां किसी के गंभीर रूप से घायल होने या मरने की कोई खबर नहीं है. चीन बार-बार 17,000 फीट ऊंची चोटी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि भारत का शिखर पर नियंत्रण है, जो सीमा के दोनों ओर एक कमांडिंग व्यू प्रदान करता है.

अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी पीएलए सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को फिर से एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं. वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, चीनी वायुसेना की ओर से किसी भी संभावित हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है.

ये भी पढ़ें : तवांग झड़प पर रक्षा मंत्री, 'चीन ने की यथास्थिति को बदलने की कोशिश, सेना ने किया नाकाम'

(IANS)

नई दिल्ली : भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह हुई झड़प की बात सार्वजनिक होने के एक दिन बाद की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग से सटी भारत-चीन सीमा के किनारे गांवों का निर्माण किया है और पीएलए सेना ने उस तरफ एक सड़क भी बनाई है. भारतीय सेना के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि नौ दिसंबर 2022 को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए एलएसी के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया.

इस बीच, झड़प पर चीन का पहला बयान आया है. उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ उसकी सीमा पर हालात 'स्थिर' बने हुए हैं. जब भारत ने तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प का मुद्दा उठाया तो चीन ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, "जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है. राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर लगातार बातचीत चल रही है."

हालांकि, चीन ने कहा है कि भारत के साथ उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक नौ दिसंबर को एलएसी के पास कंटीली लाठियां लेकर आए थे. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है. रक्षा मंत्री द्वारा तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों, सीडीएस और एनएसए के साथ एक बैठक भी बुलाई गई थी. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को झड़प पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगभग 35 किमी उत्तर-पूर्व में यांग्त्से में 17,000 फीट की ऊंचाई पर हुई थी.

एक सूत्र ने बताया कि भारतीय और चीनी दोनों सैनिकों को चोटें आई हैं और घायल भारतीय सैनिकों में से छह को गुवाहाटी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां किसी के गंभीर रूप से घायल होने या मरने की कोई खबर नहीं है. चीन बार-बार 17,000 फीट ऊंची चोटी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि भारत का शिखर पर नियंत्रण है, जो सीमा के दोनों ओर एक कमांडिंग व्यू प्रदान करता है.

अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी पीएलए सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को फिर से एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं. वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, चीनी वायुसेना की ओर से किसी भी संभावित हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है.

ये भी पढ़ें : तवांग झड़प पर रक्षा मंत्री, 'चीन ने की यथास्थिति को बदलने की कोशिश, सेना ने किया नाकाम'

(IANS)

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