देहरादून: भारत-नेपाल की सीमा पर एक तरफ जहां नो मेंस लैंड पर नेपाल के लोगों द्वारा खेती करने का मामला सामने आया है, तो वहीं अब दोहरी नागरिकता के एक दूसरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. उत्तराखंड के नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में दोहरी नागरिकता के कई मामले सामने आए है, जिसके पर सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी ने चिंता जाहिर की है. एसएसबी अब स्थानीय प्रशासन की मदद से सर्वे करने में जुड़ गया है.
उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और नेपाल) से जुड़ा मामला प्रकाश में आया है. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों के पास दोहरी नागरिकता है. एसएसबी को कुछ लोगों के पास नेपाल के साथ ही भारत की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज मिले है.
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दोहरी नागरिकता के मामले पिथौरागढ़ और चंपावत जिले से सामने आ रहे हैं. खास बात यह है कि सशस्त्र सीमा बल यानी SSB को इस बात की जानकारी मिली है और उसके बाद SSB ने इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन की मदद से लोगों की पहचान शुरू कर दी है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए सशस्त्र सीमा बल की तरफ से उत्तराखंड में सभी 54 सीमा चौकिया पर तैनात जवानों को भारतीय सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की पहचान करने के लिए कहा है. सशस्त्र सीमा बल के पास की जानकारी आने के बाद उनकी तरफ से जिला प्रशासन से भी संवाद किया गया है और अब प्रशासन की मदद से लोगों की पहचान का काम किया जा रहा है.
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इससे पहले सशस्त्र सीमा बल वन्यजीवों की तस्करी के साथ ही दवाइयां और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इसके लिए उनके द्वारा विशेष टीम में गठित की गई है. यह मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है और उन्होंने इस मामले में लोगों की पहचान का विशेष अभियान शुरू कर दिया है. पीटीआई की तरफ से की गई सशस्त्र सीमा बल से बात के दौरान इसकी पुष्टि की गई है.