ETV Bharat / bharat

आरक्षण मुद्दा: सर्व आदिवासी समाज राज्योत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का करेगा विरोध, 15 नवंबर को बड़ा प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में आरक्षण मुद्दे को लेकर सर्व आदिवासी समाज अब आर पार की लड़ाई के मू़ड में हैं. 1 नवंबर से 3 नवंबर तक शुरू होने वाले राज्योत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का सर्व आदिवासी समाज बहिष्कार करेगा. Sarva Adivasi Samaj oppose state festival

Sarva Adivasi Samaj oppose state festival
सर्व आदिवासी समाज की बैठक
author img

By

Published : Oct 27, 2022, 3:49 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा और राज्य में सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. आदिवासी आरक्षण 32 प्रतिशत समाप्त होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच भी अब जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. सर्व आदिवासी समाज इसी मुद्दे को लेकर आदिवासी विधायकों और सांसदों की चुप्पी पर अब सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयार हो गया है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को दिए गए अपने फैसले में समाज का 32 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया है. जिसको लेकर सर्व आदिवासी समाज 15 नवंबर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.Chhattisgarh Sarva Adivasi Samaj

राज्य उत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का करेंगे विरोध: सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीएस रावटे का कहना है कि "राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की बात कही थी, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी सरकार अदालत तक नहीं पहुंच पाई है. इससे आदिवासी समाज में नाराजगी है. जिसके कारण आदिवासी समाज राज्य उत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध करने का फैसला लिया है.

Action after ED raid in chhattisgarh : IAS समीर विश्नोई की न्यायिक हिरासत बढ़ी

रावटे ने आगे बताया "छत्तीसगढ़ में 1 से 3 नवंबर तक राज्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विरोध सर्व आदिवासी समाज द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही सर्व आदिवासी समाज के लोग सांसद विधायक और मंत्रियों के घर के बाहर नगाड़ा बजाकर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए 25 सितंबर और 8 अक्टूबर को एक बैठक भी आयोजित की गई थी, जिसमें यह रणनीति तय की गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी का कार्यक्रम भी तय हुआ है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा और राज्य में सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. आदिवासी आरक्षण 32 प्रतिशत समाप्त होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच भी अब जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. सर्व आदिवासी समाज इसी मुद्दे को लेकर आदिवासी विधायकों और सांसदों की चुप्पी पर अब सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयार हो गया है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को दिए गए अपने फैसले में समाज का 32 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया है. जिसको लेकर सर्व आदिवासी समाज 15 नवंबर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.Chhattisgarh Sarva Adivasi Samaj

राज्य उत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का करेंगे विरोध: सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीएस रावटे का कहना है कि "राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की बात कही थी, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी सरकार अदालत तक नहीं पहुंच पाई है. इससे आदिवासी समाज में नाराजगी है. जिसके कारण आदिवासी समाज राज्य उत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध करने का फैसला लिया है.

Action after ED raid in chhattisgarh : IAS समीर विश्नोई की न्यायिक हिरासत बढ़ी

रावटे ने आगे बताया "छत्तीसगढ़ में 1 से 3 नवंबर तक राज्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विरोध सर्व आदिवासी समाज द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही सर्व आदिवासी समाज के लोग सांसद विधायक और मंत्रियों के घर के बाहर नगाड़ा बजाकर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए 25 सितंबर और 8 अक्टूबर को एक बैठक भी आयोजित की गई थी, जिसमें यह रणनीति तय की गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी का कार्यक्रम भी तय हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.