श्रीनगर : प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना अब्दुल रशीद दाऊदी, मुश्ताक अहमद वीरी और मौलाना अब्दुल मजीद डार अलमदनी पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद, अब एक और प्रसिद्ध धार्मिक उपदेशक सरजन बरकती (Sarjan Barkati) को शोपियां जिले में गिरफ्तार किया गया है.
बरकती के परिजनों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शनिवार सुबह करीब 6:45 बजे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि जब से उन्हें रिहा किया गया है, उन्होंने विरोध में भाग नहीं लिया है, कोई भाषण नहीं दिया है और वे यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें अब क्यों गिरफ्तार किया गया है.
बता दें, बरकती को चार साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद अक्टूबर 2020 में रिहा किया गया था. उन्हें 1 अक्टूबर, 2016 को हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हुए आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
एमएमयू ने कहा, मौलवियों की गिरफ्तारी निंदनीय : जम्मू-कश्मीर में विभिन्न धार्मिक संगठनों के मोर्चा संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा ने संघ शासित प्रदेश में जन सुरक्षा कानून के तहत विभिन्न मौलवियों के खिलाफ कार्रवाई की शनिवार को निंदा की.
एमएमयू ने एक बयान में कहा, 'पिछले दो दिनों में कश्मीर में आधा दर्जन से ज्यादा मैलवियों आदि की गिरफ्तारी और पीएसए के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई निंदनीय है.' एमएमयू ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई ना सिर्फ 'अन्यायपूर्ण है' बल्कि इससे लोगों में गुस्सा भी भड़क रहा है.
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