कोलकाता: सारदा चिटफंड घोटाले (Saradha Chit Fund Scam) की आरोपी देबजानी मुखर्जी (Accused Debjani Mukherjee) की मां शरबारी मुखर्जी ने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को एक पत्र लिखा है और आरोप लगाया कि सीआईडी (CID) उनकी बेटी देबजानी पर मानसिक दबाव डाल रही है. शरबारी मुखर्जी (Sharbari Mukherjee) ने सीबीआई (CBI) के संयुक्त निदेशक को पत्र लिखकर डीआईजी सीबीआई और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी इसकी प्रतियां भेजीं हैं.
सूत्रों की मानें तो सीआईडी, शुभेंदु अधिकारी और सुजान चक्रवर्ती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए देबजानी पर दबाव बना रही है. देबजानी की मां का कहना है कि जेल में बंद देबजानी राज्य की जांच एजेंसी के दबाव से मानसिक रूप से टूट चुकी हैं. उनके अनुसार सीआईडी कथित तौर पर देबजानी को नौ और मामलों में फंसाने की धमकी दे रही है, अगर वह भाजपा और सीपीएम नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराती हैं. पत्र में शरबारी मुखर्जी ने उल्लेख किया है कि सीआईडी ने 23 अगस्त को दम-दम सुधार केंद्र का दौरा कर दबाव बनाया था.
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गौरतलब है कि सीबीआई 2014 से सारदा घोटाले की जांच कर रही है. संयोग से, देबजानी व्यवसायी सुदीप्त सेन के स्वामित्व वाली कंपनियों के सारदा समूह की निदेशक थीं. सुदीप्त सेन को भी 23 अप्रैल, 2013 को गिरफ्तार किया गया था. पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में भी वित्तीय धोखाधड़ी हुई थी.
आपको याद दिला दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने 2021 में देबजानी को जमानत दी थी. इसके अलावा इस मामले में मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन ने भी बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर आरोप लगाए हैं. सुदीप्त सेन का दावा है कि उन्होंने न केवल शुभेंदु अधिकारी को मोटी रकम दी, बल्कि नेता ने उन्हें ब्लैकमेल भी किया.