संकष्टी चतुर्थी : गजानन संकष्टी चतुर्थी पर देवी पार्वती और भगवान महादेव के पुत्र गणेश की विधिवत पूजा की जाती है.इसके साथ ही मनोकामना पूर्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के सभी प्रकार के दुख और परेशानियां जल्द से जल्द दूर हो जाती हैं. सनातन धर्म के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है.श्रावण मास की संकष्टी चतुर्थी 6 जुलाई को है. श्रावण मास की संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.इस दिन देवी पार्वती और भगवान महादेव के पुत्र गणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाती है,साथ ही मनोकामना की पूर्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है.
- गणेश मंत्र
- ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
- लक्ष्मी गणेश ध्यान मंत्र
- दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
- गणेश बीज मंत्र
- ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
- संकट नाशक मंत्र
- गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः । द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः । द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥ विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
- गणेश गायत्री मंत्र
- ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥