मुंबई: कैबिनेट विस्तार के मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार दिल्ली के दौरे पर हैं. खबर है कि रविवार को भी मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने दिल्ली जाकर रात में करीब 2 घंटे अमित शाह से मुलाकात की. सीएम और डिप्टी सीएम के दिल्ली दौरे को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने शिंदे गुट की कड़ी आलोचना की है. सांसद राउत ने कहा है कि शिंदे गुट भाजपा का गुलाम बना रहा है.
मुंबई में अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए सांसद संजय राउत ने उड़ीसा में हुए ट्रेन हादसे को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. संजय राउत ने कहा कि उड़ीसा में हुए हादसे में कई लोगों की जान चली गई. अब इस हादसे की सीबीआई जांच की मांग हो रही है लेकिन इस ट्रेन हादसे की सीबीआई से जांच कराने से क्या हासिल होगा? बीजेपी सरकार बुलेट ट्रेन के सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन पहले जो ट्रेनें चल रही हैं, उन्हें चलाइए.
संजय राउत ने कहा कि रेल मंत्री को हादसे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इतिहास देखिए, जिनके करियर में इतने भयानक हादसे हुए हैं, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. सांसद संजय राउत ने कहा कि सीबीआई जांच समय की बर्बादी है. रेल सेवाओं को सुधारो, कर्ज मत लो. उन्होंने कहा कि रेलवे खिलौना बन गई है, हर आठ दिन में इधर हरी झंडी उधर हरी झंडी दिखाने का काम चल रहा है. राउत ने कहा कि उड़ीसा में हुई इस त्रासदी में मरने वाले 300 लोगों को कफन नहीं मिला. इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है.
आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव नजदीक हैं. एनसीपी नेता अजित पवार ने इच्छा जताई है कि इस चुनाव में शिवसेना उनका समर्थन करें. इस पर बोलते हुए सांसद राउत ने कहा कि मुंबई नगर निगम में शिवसेना की ताकत है. इसलिए हमारी भूमिका है कि हम न केवल मुंबई नगर निगम के लिए बल्कि आगामी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय स्वयं के लिए भी चुनाव लड़ें. अजीत दादा ने जो भी कहा, हम उस पर सकारात्मक विचार जरूर करेंगे.
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उन्होंने कहा कि अजीत दादा हों या महा विकास अघाड़ी, हमारा लक्ष्य एकजुट होकर भाजपा को हराना है. उन्होंने कहा कि हम पर वज्रपात हुआ है. कैबिनेट विस्तार की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नियमित रूप से दिल्ली का दौरा कर रहे हैं. इस पर भी सांसद राउत ने शिंदे गुट की जमकर आलोचना की. इस पर बोलते हुए सांसद राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे भी मुख्यमंत्री थे लेकिन वह एक बार ही दिल्ली गए थे. उसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र में तमाम फैसले लिए. हर बार दिल्ली नहीं गए.
आप खुद असली शिवसेना थे फिर दिल्ली में मुजरा क्यों? पहले हमारा कंट्रोल रूम यहां स्थित था. अब लोगों को फैसले लेने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है. आप कहते हैं कि आपके पास असली शिवसेना है, है ना? फिर महाराष्ट्र में ही फैसले लेने की वह हिम्मत दिखाइए. यह नकली शिवसेना है, उन्हें हर चीज के लिए अनुमति चाहिए. बालासाहेब का नाम लेकर मोदी-शाह के पास क्यों जाते हैं?