मुंबई : अगर हम लोकसभा चुनाव में शिवसेना (ठाकरे ग्रुप) को 23 सीटें देते हैं तो क्या होगा? ऐसा सवाल कांग्रेस नेता पूर्व सांसद संजय निरुपम ने उठाया है. इस पर बोलते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि 'हम राष्ट्रीय नेताओं से बात कर रहे हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, वेणुगोपाल कांग्रेस के बड़े नेता हैं. वे निर्णय लेने वाले हैं. उनसे हमारा संवाद अच्छा चल रहा है. फिर दिल्ली के नेता तय करेंगे कि हम कितनी सीटों पर लड़ेंगे. यहां सड़क के नेता बकबक कर रहे हैं.'
संजय राउत ने कांग्रेस नेता संजय निरुपम को परोक्ष रूप से धमकी भी दी है कि 'उनकी बकबक कौन सुनेगा.' संजय राउत ने कहा कि 'हमने हमेशा महाराष्ट्र में 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा है. दादरा नगर हवेली भी एक सीट है जिसके लिए हम लड़ रहे हैं, ये सीटें हमेशा रहेंगी. हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं. फिर जिस सीट पर मौजूदा सांसद चुने गए हैं. तय हुआ कि इस पर बाद में चर्चा की जाएगी.'
इसके मुताबिक, महाराष्ट्र में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. इसलिए कांग्रेस को शून्य से शुरुआत करनी होगी. हालांकि, राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को संयुक्त चुनाव का सामना करना पड़ेगा क्योंकि कांग्रेस महा विकास अघाड़ी का एक महत्वपूर्ण घटक है. इसलिए संजय राउत ने चेतावनी दी है कि सीट बंटवारे की बात करने वालों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
प्रकाश अंबेडकर की भूमिका के बारे में बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चल रही चर्चा अपने अंतिम चरण में है. महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर का नेतृत्व है. उनकी भूमिका इस देश से तानाशाही को खत्म करना है. असहमत होने का कोई कारण नहीं है. क्या अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया गया है या नहीं? इस पर संजय राउत ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
संजय राउत ने कहा कि हम राम मंदिर खुलने के लिए निमंत्रण का इंतजार नहीं कर रहे हैं. यह भाजपा का कार्यक्रम है. यह कोई 15 अगस्त नहीं है न ही 26 जनवरी की परेड है.
संजय राउत ने यह भी धमकी दी है कि चाहे अजित पवार गुट हो या एकनाथ शिंदे गुट, उनके पास भारतीय जनता पार्टी के चरणों में बैठने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उद्योगपति गौतम अडाणाी की शरद पवार से मुलाकात पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि 'गौतम अडाणी मुख्य मुद्दा नहीं हैं. हम धारावी परियोजना के नियमों और शर्तों के खिलाफ हैं. कौन किससे मिलेगा, इस पर महाविकास अघाड़ी का कोई भविष्य नहीं है. शरद पवार और गौतम अडाणी का रिश्ता बहुत पुराना है. यह सामाजिक, पारिवारिक, विकास संबंधी हो सकता है. वे पहली बार नहीं मिल रहे हैं, वे कई सालों से मिलते आ रहे हैं. इसलिए संजय राउत ने कहा है कि इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है.'