कुरुक्षेत्र: सूरजमुखी की फसल को एमएसपी पर खरीदने का मामला तूल पकड़ चुका है. सोमवार से किसान कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर धरना दे रहे हैं. अब इस धरने की कमान संयुक्त किसान मोर्चा संभालेगा. दरअसल आज कुरुक्षेत्र में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बैठक कर आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे. माना जा रहा है कि बैठक के बाद इस धरने को देशव्यापी आंदोलन का रूप दिया जाएगा.
बता दें कि सोमवार से किसान कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को तब तक जाम रखा जाएगा, जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती. किसानों की मांग है कि सूरजमुखी की फसल को एमएसपी पर खरीदा जाए और गुरनाम चढूनी समेत अन्य किसानों की रिहाई की जाए. धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि स्थानीय कमेटी की प्रशासन से अभी तक चार दौर की बातचीत हुई है, लेकिन बातचीत सिरे नहीं चढ़ पाई है.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का मन है कि एमएसपी गारंटी कानून बने. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए अगर बड़ा आंदोलन भी करना पड़े, तो किसान पीछे नहीं हटेंगे. एमएसपी गारंटी कानून बनवाने के लिए किसानों को आंदोलन तो करना ही पड़ेगा, क्योंकि किसानों की फसल आधे भाव में बिक रही है. जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. इससे पहले किसानों ने सरकार को सोमवार रात 10 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था. जिसमें किसानों ने कहा था कि सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर की जाए और सभी किसानों को रिहा किया जाए, लेकिन अल्टीमेट खत्म होने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
अब किसानों ने फैसला किया है कि इस मुद्दे पर कुरुक्षेत्र के लोकल किसान नेताओं की कमेटी की बजाए संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े किसान नेता आगे के आंदोलन के लिए रणनीति बनाएंगे. जिसके चलते मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के कई बड़े नेता कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे और किसानों के साथ बैठक कर आंदोलन का ऐलान करेंगे. माना जा रहा है कि सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं की तरफ से इस धरने को देशव्यापी आंदोलन के रूप में घोषित किया जाएगा. इसके बाद एमएसपी कानून, किसान पर दर्ज मामले वापस करने, सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर करने समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.