उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिलक्यारा सुरंग में पिछले 15 दिन से 41 श्रमिक फंसे हुए हैं. केंद्र और राज्य की तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है. इसके साथ ही सेना की भी मदद ली जा रही है. उधर टनल में फंसे मजदूर भाइयों का दर्द देखकर केरल के समीर करिम्बा सिलक्यारा टनल पहुंच चुके हैं. वह सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में हाथ बंटाना चाहते हैं. लेकिन तकनीकी ज्ञान और बाध्यताओं के कारण वह कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं. बावजूद इसके वे मौके पर तैनात आईटीबीपी और पुलिस के जवानों के लिए अलाव की व्यवस्था करने में सहायता कर रहे हैं.
केरल के पलक्कड़ निवासी 41 वर्षीय समीर करिम्बा एक रेस्क्यूअर हैं, जो सड़क हादसों से लेकर कई तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन्स में पीड़ितों की मदद के लिए विभिन्न राज्यों में पहुंच जाते हैं. सिलक्यारा पहुंचे समीर ने बताया कि मुंबई निवासी हर्षा कोटेजा उन्हें इस कार्य के लिए आर्थिक मदद करती हैं. उन्होंने ही उन्हें उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों के फंसने की सूचना दी. इसके बाद वह 21 नवंबर को सिलक्यारा पहुंचे.
मजदूरों के बाहर निकलने तक करेंगे सेवा: समीर ने बताया कि वह सुरंग के अंदर जाकर रेस्क्यू कार्य में मदद करना चाहते थे. लेकिन तकनीकी ज्ञान न होने के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. फिर भी वह टनल में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस और आईटीबीपी के जवानों के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं. समीर ने कहा कि जब तक सुरंग में फंसे मजदूर बाहर नहीं निकाले जाते हैं, वे यहां रहकर हर तरह की सेवा निस्वार्थ भाव से करेंगे.
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मस्जिदों में करा रहे दुआ, मंदिरों में चढ़वाए श्रीफल: समीर करिम्बा मुस्लिम समुदाय से तालुक रखते हैं. वह अपने धर्म के लोगों से सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए मस्जिदों में दुआएं करने की लगातार अपील कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने सिलक्यारा से वीडियो मैसेज रिकॉर्ड कर भी सोशल मीडिया के जरिए परिचितों को भेजा है. साथ ही अपने एक हिंदू मित्र की मदद से सभी 41 श्रमिकों की सलामती के लिए मंदिर में 41 श्रीफल भी चढ़वाए हैं.