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आजम खान से राय के बाद अखिलेश यादव रामपुर के लिए तय करेंगे नया मुस्लिम चेहरा

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद अब इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना है. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है.

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Published : Oct 30, 2022, 8:53 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना है. विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आजम खान की सदस्यता रद्द करते हुए सीट को रिक्त घोषित किया गया है. ऐसे में अब सवाल हो रहा है कि रामपुर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी यानी अखिलेश यादव का उम्मीदवार कौन होगा.

इसके अलावा आजम खान की विधायकी जाने के बाद समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा रामपुर में कौन बनाया जाएगा? कौन आजम की विरासत को आगे बढ़ाएगा. हालांकि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी इस समय सपा से विधायक हैं, लेकिन सवाल यह है कि आजम की सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा. इस पर समाजवादी पार्टी में मंथन चल रहा है.

यह बोले सपा नेता.

समाजवादी पार्टी के सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जल्द ही आजम खान से चर्चा करेंगे. आजम खान से राय मशविरा के बाद ही रामपुर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित करने का काम करेंगे. हालांकि अभी समाजवादी पार्टी और आजम खान इस मामले में उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं, जहां से कोई राहत उन्हें मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी आजम खान के साथ हर तरह से खड़ी हुई नजर आ रही है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद इस पर एक बयान भी जारी किया है और कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आजम खान को जानबूझकर फंसाने का काम कर रही है. बीजेपी के इशारे में कार्यवाही की जा रही है, उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द जल्दबाजी में की गई. समाजवादी पार्टी का नेतृत्व यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि पार्टी आजम खान के साथ हर तरह के साथ है और उनके साथ संघर्ष करने का काम करेगी. उनके लिए कानूनी लड़ाई भी समाजवादी पार्टी लड़ने का काम करेगी.

दरअसल, मोहम्मद आजम खान का समाजवादी पार्टी में सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के रूप में स्थान मिला हुआ है और रामपुर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजम खान की अपनी एक पकड़ और पहुंच भी है. ऐसे में समाजवादी पार्टी मोहम्मद आजम खान की सियासी विरासत को किस प्रकार से आगे बढ़ाएगी. यह फैसला आजम खान के साथ बातचीत के बाद ही तय होगा.

सूत्र के मुताबिक, अगर मोहम्मद आजम खान को उनकी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के स्तर पर राहत नहीं मिली, तो वह 2027 से पहले चुनावी मैदान में कहीं नजर नहीं आएंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में वह चुनाव मैदान में नहीं उतर पाएंगे, क्योंकि अदालत की तरफ से उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है. ऐसे में वह 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे.

मोहम्मद आजम खान के राजनीतिक करियर में 45 साल बाद यह समय आया है, जब वह अब किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी आजम खान को उच्च न्यायालय से मिलने वाली किसी प्रकार की राहत आदि पर भी नजर बनाए हुए हैं और कानूनी लड़ाई में समाजवादी पार्टी आजम खान का किस प्रकार से साथ दे सकती है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मोहम्मद आजम खान से बातचीत करने के बाद कोई फैसला लेंगे. रामपुर में समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा कौन होगा, इसको लेकर भी तमाम तरह की चर्चा हो रही है.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान समाजवादी पार्टी से ही विधायक हैं और वही उनके सियासी वारिस के रूप में रामपुर में प्रतिनिधित्व करेंगे. भले आजम खान के खिलाफ सरकार की तरफ से कार्यवाही की जा रही हो, लेकिन समाजवादी पार्टी मोहम्मद आजम खान को दरकिनार नहीं करने वाली.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है और यह किसी से छुपा नहीं है. विपक्ष के हर नेता को झूठे षड्यंत्र के तहत जेल भेजा जा रहा है. आजम खान इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया है यह किसी से छुपा नहीं. आज जब निचली अदालत ने एक मामले में उन्हें सजा हुई, तो हड़बड़ी में विधानसभा ने पत्र जारी करके उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त कर दी जबकि उस पत्र में भी विधानसभा का नाम गलत लिखा गया है.

इसके अलावा कई ऐसे विधायक हैं जिनका कई साल पहले से मामला विधानसभा में लंबित हैं, लेकिन उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई. ऐसे तमाम उदाहरण हैं बीजेपी के पक्ष में विधायकों ने वोट किया, जो लोग बीजेपी के संपर्क में है उन्हें राहत दी गई. आजम खान विपक्ष के नेता हैं उनके खिलाफ हड़बड़ी में कार्यवाही की गई. उनकी सदस्यता निरस्त की गई. यह भारतीय जनता पार्टी की मंशा को दर्शाता है. यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में आजम खान के सवालों का जवाब देने में सक्षम नहीं है, यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है. समाजवादी पार्टी उनसे लड़ेगी समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ेगी. आजम खान के साथ समाजवादी पार्टी पूरी तरह से है और उनके लिए लड़ती रहेगी. समाजवादी पार्टी आजम खान के साथ हर स्तर पर खड़ी है.

पढ़ेंः सजा मिलने के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, रामपुर विधानसभा सीट रिक्त

लखनऊः समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना है. विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आजम खान की सदस्यता रद्द करते हुए सीट को रिक्त घोषित किया गया है. ऐसे में अब सवाल हो रहा है कि रामपुर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी यानी अखिलेश यादव का उम्मीदवार कौन होगा.

इसके अलावा आजम खान की विधायकी जाने के बाद समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा रामपुर में कौन बनाया जाएगा? कौन आजम की विरासत को आगे बढ़ाएगा. हालांकि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी इस समय सपा से विधायक हैं, लेकिन सवाल यह है कि आजम की सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा. इस पर समाजवादी पार्टी में मंथन चल रहा है.

यह बोले सपा नेता.

समाजवादी पार्टी के सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जल्द ही आजम खान से चर्चा करेंगे. आजम खान से राय मशविरा के बाद ही रामपुर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित करने का काम करेंगे. हालांकि अभी समाजवादी पार्टी और आजम खान इस मामले में उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं, जहां से कोई राहत उन्हें मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी आजम खान के साथ हर तरह से खड़ी हुई नजर आ रही है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद इस पर एक बयान भी जारी किया है और कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आजम खान को जानबूझकर फंसाने का काम कर रही है. बीजेपी के इशारे में कार्यवाही की जा रही है, उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द जल्दबाजी में की गई. समाजवादी पार्टी का नेतृत्व यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि पार्टी आजम खान के साथ हर तरह के साथ है और उनके साथ संघर्ष करने का काम करेगी. उनके लिए कानूनी लड़ाई भी समाजवादी पार्टी लड़ने का काम करेगी.

दरअसल, मोहम्मद आजम खान का समाजवादी पार्टी में सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के रूप में स्थान मिला हुआ है और रामपुर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजम खान की अपनी एक पकड़ और पहुंच भी है. ऐसे में समाजवादी पार्टी मोहम्मद आजम खान की सियासी विरासत को किस प्रकार से आगे बढ़ाएगी. यह फैसला आजम खान के साथ बातचीत के बाद ही तय होगा.

सूत्र के मुताबिक, अगर मोहम्मद आजम खान को उनकी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के स्तर पर राहत नहीं मिली, तो वह 2027 से पहले चुनावी मैदान में कहीं नजर नहीं आएंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में वह चुनाव मैदान में नहीं उतर पाएंगे, क्योंकि अदालत की तरफ से उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है. ऐसे में वह 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे.

मोहम्मद आजम खान के राजनीतिक करियर में 45 साल बाद यह समय आया है, जब वह अब किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी आजम खान को उच्च न्यायालय से मिलने वाली किसी प्रकार की राहत आदि पर भी नजर बनाए हुए हैं और कानूनी लड़ाई में समाजवादी पार्टी आजम खान का किस प्रकार से साथ दे सकती है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मोहम्मद आजम खान से बातचीत करने के बाद कोई फैसला लेंगे. रामपुर में समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा कौन होगा, इसको लेकर भी तमाम तरह की चर्चा हो रही है.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान समाजवादी पार्टी से ही विधायक हैं और वही उनके सियासी वारिस के रूप में रामपुर में प्रतिनिधित्व करेंगे. भले आजम खान के खिलाफ सरकार की तरफ से कार्यवाही की जा रही हो, लेकिन समाजवादी पार्टी मोहम्मद आजम खान को दरकिनार नहीं करने वाली.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है और यह किसी से छुपा नहीं है. विपक्ष के हर नेता को झूठे षड्यंत्र के तहत जेल भेजा जा रहा है. आजम खान इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया है यह किसी से छुपा नहीं. आज जब निचली अदालत ने एक मामले में उन्हें सजा हुई, तो हड़बड़ी में विधानसभा ने पत्र जारी करके उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त कर दी जबकि उस पत्र में भी विधानसभा का नाम गलत लिखा गया है.

इसके अलावा कई ऐसे विधायक हैं जिनका कई साल पहले से मामला विधानसभा में लंबित हैं, लेकिन उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई. ऐसे तमाम उदाहरण हैं बीजेपी के पक्ष में विधायकों ने वोट किया, जो लोग बीजेपी के संपर्क में है उन्हें राहत दी गई. आजम खान विपक्ष के नेता हैं उनके खिलाफ हड़बड़ी में कार्यवाही की गई. उनकी सदस्यता निरस्त की गई. यह भारतीय जनता पार्टी की मंशा को दर्शाता है. यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में आजम खान के सवालों का जवाब देने में सक्षम नहीं है, यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है. समाजवादी पार्टी उनसे लड़ेगी समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ेगी. आजम खान के साथ समाजवादी पार्टी पूरी तरह से है और उनके लिए लड़ती रहेगी. समाजवादी पार्टी आजम खान के साथ हर स्तर पर खड़ी है.

पढ़ेंः सजा मिलने के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, रामपुर विधानसभा सीट रिक्त

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