ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम प्रभावितों को मिलेगी जमीन, आवास और नौकरी

सलवा जुडूम के प्रभावित परिवारों ने रायपुर में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की (Salwa Judum effected families meet Bhupesh Baghel). इस दौरान दोनों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई.

Influenced by Salwa Judum met CM Bhupesh Baghel
सलवा जुडूम के प्रभावित मिले सीएम भूपेश बघेल से
author img

By

Published : Apr 4, 2022, 9:21 PM IST

रायपुर: सलवा जुडूम आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना चले गए प्रभावित परिवारों ने रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. प्रभावितों ने सीएम से छत्तीसगढ़ वापसी को लेकर चर्चा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि 'तेलंगाना और आंध्रप्रदेश गए छत्तीसगढ़ के लोग यदि वापस आना चाहते हैं, तो राज्य सरकार उनका दिल से स्वागत करने को तैयार है. कार्ययोजना बनाकर उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा'. इस मौके पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, छत्तीसगढ़ राज्य अनसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उनसे किसी उपयुक्त स्थान में बसने और कृषि के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया. इस पर सीएम ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ वापस आने के इच्छुक लोगों को जमीन देने के साथ उन्हें राशन दुकान, स्कूल, रोजगार सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी'.

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में ली थी शरण: साल 2005 में सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला में रहने वाले हजारों आदिवासी परिवारों ने हिंसा से परेशान होकर छत्तीसगढ़ को छोड़कर सीमावर्ती राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जंगलों में शरण ली थी. आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में जाने के बाद छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को वहां किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिलने के कारण अब विस्थापित आदिवासी परिवार वापस छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं.

सलवा जुडूम प्रभावित परिवारों ने की भूपेश बघेल से मुलाकात

सलवा जुडूम प्रभावित परिवारों ने की भूपेश बघेल से मुलाकात: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के पुनर्वास को लेकर काम कर रहे शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि 'आज करीब 100 आदिवासियों ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से बहुत सफल चर्चा हुई है. सीएम ने कहा है कि यह हमारे लोग हैं और हम इनकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. आदिवासी परिवारों को शांत जगह पर पुनर्वास किया जाएगा. शांत इलाके में फॉरेस्ट की जमीन देंगे साथ ही राजस्व की जमीन भी दी जाएगी'.

पढ़े लिखे आदिवासियों को बनाएंगे शिक्षक: प्रभावितों ने मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के सामने रोजगार की मांग रखी. इस पर सीएम ने स्वामी आत्मानंद स्कूल में टीचर भर्ती की जरूरत बताया. सीएम ने कहा कि जितने भी पढ़े लिखे लोग हैं. उन्हें नौकरी भी दी जाएगी. जल्द से जल्द इसमें काम शुरू किया जाएगा. बस्तर कमिशनर को नोडल ऑफिसर बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ से दिल्ली रवाना हुए आदिवासी: सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद सभी आदिवासी दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं. शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि 'कई ऐसे आदिवासी परिवार हैं जो छत्तीसगढ़ नहीं आना चाहेंगे. ऐसे परिवारों के लिए केंद्र सरकार को पुनर्वास नीति बनानी पड़ेगी. ऐसे में केंद्र सरकार की जरूरत होगी. इसलिए दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से मुलाकात कर पुनर्वास नीति बनाने की मांग की जाएगी'.

क्या है सलवा जुडूम: सुकमा में नक्सलियों के हमले में मारे गए कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा को सलवा जुडूम का जनक माना जाता है. सलवा जुडूम एक आदिवासी शब्द है. जिसका अर्थ होता है शांति का कारवां. छत्तीसगढ़ में जब नक्सलियों की घटनाएं ज्यादा बढ़ने लगी थीं तब महेंद्र कर्मा ने सलवा जुडूम की शुरुआत 2005 में की थी. महेंद्र कर्मा ने सलवा जुडूम अभियान चलाकर ग्रामीणों की फोर्स तैयार कराई जो नक्सलियों के खिलाफ लड़ सके. लेकिन आदिवासियों और नक्सलियों के बीच हुए संघर्ष के कारण कई गरीब आदिवासियों को अपना घर और गांव छोड़कर छत्तीसगढ़ से पलायन करना पड़ा था.

रायपुर: सलवा जुडूम आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना चले गए प्रभावित परिवारों ने रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. प्रभावितों ने सीएम से छत्तीसगढ़ वापसी को लेकर चर्चा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि 'तेलंगाना और आंध्रप्रदेश गए छत्तीसगढ़ के लोग यदि वापस आना चाहते हैं, तो राज्य सरकार उनका दिल से स्वागत करने को तैयार है. कार्ययोजना बनाकर उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा'. इस मौके पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, छत्तीसगढ़ राज्य अनसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उनसे किसी उपयुक्त स्थान में बसने और कृषि के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया. इस पर सीएम ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ वापस आने के इच्छुक लोगों को जमीन देने के साथ उन्हें राशन दुकान, स्कूल, रोजगार सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी'.

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में ली थी शरण: साल 2005 में सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला में रहने वाले हजारों आदिवासी परिवारों ने हिंसा से परेशान होकर छत्तीसगढ़ को छोड़कर सीमावर्ती राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जंगलों में शरण ली थी. आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में जाने के बाद छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को वहां किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिलने के कारण अब विस्थापित आदिवासी परिवार वापस छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं.

सलवा जुडूम प्रभावित परिवारों ने की भूपेश बघेल से मुलाकात

सलवा जुडूम प्रभावित परिवारों ने की भूपेश बघेल से मुलाकात: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के पुनर्वास को लेकर काम कर रहे शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि 'आज करीब 100 आदिवासियों ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से बहुत सफल चर्चा हुई है. सीएम ने कहा है कि यह हमारे लोग हैं और हम इनकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. आदिवासी परिवारों को शांत जगह पर पुनर्वास किया जाएगा. शांत इलाके में फॉरेस्ट की जमीन देंगे साथ ही राजस्व की जमीन भी दी जाएगी'.

पढ़े लिखे आदिवासियों को बनाएंगे शिक्षक: प्रभावितों ने मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के सामने रोजगार की मांग रखी. इस पर सीएम ने स्वामी आत्मानंद स्कूल में टीचर भर्ती की जरूरत बताया. सीएम ने कहा कि जितने भी पढ़े लिखे लोग हैं. उन्हें नौकरी भी दी जाएगी. जल्द से जल्द इसमें काम शुरू किया जाएगा. बस्तर कमिशनर को नोडल ऑफिसर बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ से दिल्ली रवाना हुए आदिवासी: सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद सभी आदिवासी दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं. शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि 'कई ऐसे आदिवासी परिवार हैं जो छत्तीसगढ़ नहीं आना चाहेंगे. ऐसे परिवारों के लिए केंद्र सरकार को पुनर्वास नीति बनानी पड़ेगी. ऐसे में केंद्र सरकार की जरूरत होगी. इसलिए दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से मुलाकात कर पुनर्वास नीति बनाने की मांग की जाएगी'.

क्या है सलवा जुडूम: सुकमा में नक्सलियों के हमले में मारे गए कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा को सलवा जुडूम का जनक माना जाता है. सलवा जुडूम एक आदिवासी शब्द है. जिसका अर्थ होता है शांति का कारवां. छत्तीसगढ़ में जब नक्सलियों की घटनाएं ज्यादा बढ़ने लगी थीं तब महेंद्र कर्मा ने सलवा जुडूम की शुरुआत 2005 में की थी. महेंद्र कर्मा ने सलवा जुडूम अभियान चलाकर ग्रामीणों की फोर्स तैयार कराई जो नक्सलियों के खिलाफ लड़ सके. लेकिन आदिवासियों और नक्सलियों के बीच हुए संघर्ष के कारण कई गरीब आदिवासियों को अपना घर और गांव छोड़कर छत्तीसगढ़ से पलायन करना पड़ा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.