मुंबई : मुंबई के साकीनाका में 32 वर्षीय महिला के साथ जघन्य दुष्कर्म और हत्या के बाद पुलिस जांच में उन घटनाओं के क्रम का पता चला है, जो कि पैसों के लेनदेन के विवाद से पैदा हुई और अपराध में परिणत हुई. पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को यह जानकारी दी.
पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने घटना का विवरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बेरोजगार चालक 45 वर्षीय आरोपी मोहन चौहान ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा देखने को मिला था.
आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते थे और कई बार मिले थे. पैसों को लेकर हुई बहस के बाद इस अपराध को अंजाम दिया गया. पुलिस ने उस वस्तु को बरामद कर लिया है, जिसके साथ आरोपी ने पीड़िता के साथ क्रूरता की थी और बाद में उसे छिपा दिया था. दरअसल यह घटना 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड की याद दिलाती है, जिसमें पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसा दी गई थी. दुष्कर्म के बाद मुंबई के इस जघन्य दुष्कर्म में भी इसी तरह की हरकत की गई.
नागराले ने कहा कि चूंकि पीड़िता अनुसूचित जाति से है, इसलिए पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप जोड़े हैं. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में निर्भया रेप केस की तरह हैवानियत होने के मामले में मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने कहा है कि साकीनाका बलात्कार मामले में आरोपी के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. नागराले ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी.
मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि कैसे साकीनाका रेप केस में पुलिस की जांच चल रही है. साकीनाका रेप केस को लेकर सोशल मीडिया पर गलत संदेश फैलाया जा रहा है.
इस अपराध के लिए सरकार ने एससी-एसटी अधिनियम का प्रयोग किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष ने घटनास्थल का दौरा किया है. सहयाद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, स्थानीय विधायक, मुख्य सचिव, अतिरिक्त उप सचिव और अन्य अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की है.
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मुख्यमंत्री ने पुलिस जांच की सराहना की है. मुख्यमंत्री ने विभिन्न सरकारी सहायता योजनाओं की घोषणा की है. उन योजनाओं से और मुख्यमंत्री सहायता कोष से पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे. पीड़िता की तीन बेटियां हैं.