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उत्तराखंडः संतों ने दी स्वामी मुक्तानंद को श्रद्धांजलि, बाबा रामदेव बोले- गृहस्थ नहीं होंगे पतंजलि के उत्तराधिकारी - स्वामी मुक्तानंद महाराज

ब्रह्मलीन स्वामी मुक्तानंद महाराज की स्मृति में पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें 13 अखाड़ों के शीर्ष संतों ने स्वामी मुक्तानंद को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमने तय किया है कि पतंजलि का उत्तराधिकारी 'परिवारिक' या सांसारिक व्यक्ति (संसारी) नहीं होगा, बल्कि संत होंगे.

Tribute to Muktananda
मुक्तानंद को श्रद्धांजलि
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Published : May 30, 2022, 7:54 AM IST

हरिद्वार: ब्रह्मलीन स्वामी मुक्तानंद महाराज की स्मृति में पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें सनातन संस्कृति से जुड़े देश के शीर्ष संतगणों ने अपनी भावांजलि, सुमनांजलि, कुसुमांजलि भेंट की.

इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा स्वामी मुक्तानंद महाराज एक निष्काम भाव, सच्चे संत व पतंजलि की ऊर्जा के केन्द्र थे. वे एक जीवनमुक्त महापुरुष, प्रबल प्रकृति प्रेमी, वैयाकरण विद्वान्, योगी महात्मा संन्यासी थे. उनके प्रति कृतज्ञता, उपकारों का पुण्य स्मरण करते हुए उनकी सप्तदशी का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा उनके महाप्रयाण पर पतंजलि योगपीठ परिवार के साथ-साथ पूरा संत समाज शोक संतप्त है.
ये भी पढ़ेंः सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार में उमड़ा में 'आस्था' का महासैलाब, गंगा में डुबकी के लिए लगी होड़

इस अवसर पर बाबा रामदेव ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि पतंजलि का उत्तराधिकारी 'परिवारिक' या सांसारिक व्यक्ति (संसारी) नहीं होगा, बल्कि संत होंगे. गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने विवाह नहीं किया. आचार्य बालकृष्ण भी गृहस्थ आश्रम से दूर हैं. स्वामी मुक्तानंद भी सांसारिक व्यक्ति नहीं थे. इन तीनों ने योग और आयुर्वेद को अपना जीवन समर्पित किया है.

हरिद्वार: ब्रह्मलीन स्वामी मुक्तानंद महाराज की स्मृति में पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें सनातन संस्कृति से जुड़े देश के शीर्ष संतगणों ने अपनी भावांजलि, सुमनांजलि, कुसुमांजलि भेंट की.

इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा स्वामी मुक्तानंद महाराज एक निष्काम भाव, सच्चे संत व पतंजलि की ऊर्जा के केन्द्र थे. वे एक जीवनमुक्त महापुरुष, प्रबल प्रकृति प्रेमी, वैयाकरण विद्वान्, योगी महात्मा संन्यासी थे. उनके प्रति कृतज्ञता, उपकारों का पुण्य स्मरण करते हुए उनकी सप्तदशी का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा उनके महाप्रयाण पर पतंजलि योगपीठ परिवार के साथ-साथ पूरा संत समाज शोक संतप्त है.
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इस अवसर पर बाबा रामदेव ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि पतंजलि का उत्तराधिकारी 'परिवारिक' या सांसारिक व्यक्ति (संसारी) नहीं होगा, बल्कि संत होंगे. गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने विवाह नहीं किया. आचार्य बालकृष्ण भी गृहस्थ आश्रम से दूर हैं. स्वामी मुक्तानंद भी सांसारिक व्यक्ति नहीं थे. इन तीनों ने योग और आयुर्वेद को अपना जीवन समर्पित किया है.

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