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राजस्थानः माली, कुशवाहा, सैनी और शाक्य मौर्य समाज का आरक्षण आंदोलन, NH-21 पर किया चक्का जाम

जाट और गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद अब भरतपुर में माली समाज का आरक्षण आंदोलन (Demand for Reservation in Bharatpur) भड़क गया है. माली समाज राजस्थान आरक्षण संघर्ष समिति ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग के साथ जयपुर-आगरा हाईवे पर अरौदा के पास जाम लगा दिया है.

Reservation movement in Bharatpur, Demand for Reservation in Bharatpur
माली, कुशवाहा, सैनी और शाक्य मौर्य समाज का आरक्षण आंदोलन.
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Published : Jun 13, 2022, 4:39 PM IST

भरतपुर. जाट और गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद अब भरतपुर में माली समाज का आरक्षण आंदोलन (Demand for Reservation in Bharatpur) भड़क गया है. माली समाज राजस्थान आरक्षण संघर्ष समिति ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग के साथ रविवार को जयपुर-आगरा हाईवे पर अरौदा के पास जाम लगा दिया. रविवार शाम से हजारों की संख्या में समाज के लोग हाईवे पर जाम लगाकर डटे रहे. जिला प्रशासन ने समाज के प्रतिनिधियों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन समाज के लोगों ने वार्ता करने से इनकार कर दिया.

बता दें, रविवार रात भी सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी हाईवे पर जमे रहे. आंदोलनकारियों ने रात का खाना भी हाईवे पर किया. इसके बाद हाईवे पर गद्दे बिछाकर सुबह तक डटे रहे. सुबह से ही आंदोलनकारियों की संख्या फिर से बढ़ने लग गई है. वहीं, पुलिस प्रशासन ने सैकड़ों की संख्या में पुलिस जाप्ता मौके पर लगा रखा है. संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी ने बताया कि 6 साल से प्रवेश के माली समाज को आरक्षण दिलाने की मांग की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया, एसडीएम को ज्ञापन दिया गया, 4500 से अधिक गांव में नुक्कड़ सभाएं की गई लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी. आखिर में उन्हें महापंचायत और हाईवे जाम करने का निर्णय लेना पड़ा है.

भरतपुर में माली, कुशवाहा, सैनी और शाक्य मौर्य समाज का आरक्षण आंदोलन.

पढ़ें- Demand for Reservation : आरक्षण की मांग को लेकर नेशनल हाईवे 21 पर किया चक्का जाम, भारी पुलिस बल तैनात

रविवार को जयपुर-आगरा हाईवे पर अरोड़ा गांव के पास समाज के हजारों लोगों ने महापंचायत की. साथ ही राजस्थान सरकार से वार्ता करने के लिए प्रतिनिधि भेजने की भी बात कही गई. जब राजस्थान सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा, तो शाम 5 बजे समाज के लोग हाईवे पर उतर गए और जाम लगा दिया. हजारों की संख्या में लोग देर रात तक हाईवे पर जमे रहे. आरक्षण आंदोलन को देखते हुए स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने जयपुर और आगरा की तरफ से आने वाले वाहनों को अलग-अलग मार्गों से डायवर्ट कर निकाला.

12 फीसदी आरक्षण समेत ये हैं मांगें- समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश में माली समाज की 15 फीसदी (करीब 1 करोड़) जनसंख्या है. लेकिन माली समाज शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से सबसे पिछड़ा हुआ है. इसलिए राजस्थान सरकार समाज को 12 फीसदी आरक्षण सहित प्रदेश के हर शहर और कस्बे में सब्जी ठेले वालों को स्थाई जगह दें. महात्मा फुले बागवानी बोर्ड का गठन किया जाए. महात्मा फुले दंपती के नाम से विश्वविद्यालयों में शोध केंद्रों की स्थापना की जाए. महात्मा फुले जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए. भारतीय सेना में सैनिक सीमेंट का गठन किया जाए.

हाईवे पर गुजारी रात- देर रात तक जब वार्ता का कोई रास्ता नहीं निकला तो समाज के लोगों ने हाईवे पर ही रात गुजारने का फैसला किया. सैकड़ों लोगों के लिए लंगर लगाकर खाना खिलाया गया और हाईवे पर गद्दा डालकर रात भर समाज के सैकड़ों लोग जमे रहे. सोमवार सुबह से ही समाज के लोगों की भीड़ फिर से हाईवे पर जुटने लगी है. वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी मौके पर पुलिस जाप्ता बढ़ा दिया है.

भरतपुर. जाट और गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद अब भरतपुर में माली समाज का आरक्षण आंदोलन (Demand for Reservation in Bharatpur) भड़क गया है. माली समाज राजस्थान आरक्षण संघर्ष समिति ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग के साथ रविवार को जयपुर-आगरा हाईवे पर अरौदा के पास जाम लगा दिया. रविवार शाम से हजारों की संख्या में समाज के लोग हाईवे पर जाम लगाकर डटे रहे. जिला प्रशासन ने समाज के प्रतिनिधियों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन समाज के लोगों ने वार्ता करने से इनकार कर दिया.

बता दें, रविवार रात भी सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी हाईवे पर जमे रहे. आंदोलनकारियों ने रात का खाना भी हाईवे पर किया. इसके बाद हाईवे पर गद्दे बिछाकर सुबह तक डटे रहे. सुबह से ही आंदोलनकारियों की संख्या फिर से बढ़ने लग गई है. वहीं, पुलिस प्रशासन ने सैकड़ों की संख्या में पुलिस जाप्ता मौके पर लगा रखा है. संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी ने बताया कि 6 साल से प्रवेश के माली समाज को आरक्षण दिलाने की मांग की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया, एसडीएम को ज्ञापन दिया गया, 4500 से अधिक गांव में नुक्कड़ सभाएं की गई लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी. आखिर में उन्हें महापंचायत और हाईवे जाम करने का निर्णय लेना पड़ा है.

भरतपुर में माली, कुशवाहा, सैनी और शाक्य मौर्य समाज का आरक्षण आंदोलन.

पढ़ें- Demand for Reservation : आरक्षण की मांग को लेकर नेशनल हाईवे 21 पर किया चक्का जाम, भारी पुलिस बल तैनात

रविवार को जयपुर-आगरा हाईवे पर अरोड़ा गांव के पास समाज के हजारों लोगों ने महापंचायत की. साथ ही राजस्थान सरकार से वार्ता करने के लिए प्रतिनिधि भेजने की भी बात कही गई. जब राजस्थान सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा, तो शाम 5 बजे समाज के लोग हाईवे पर उतर गए और जाम लगा दिया. हजारों की संख्या में लोग देर रात तक हाईवे पर जमे रहे. आरक्षण आंदोलन को देखते हुए स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने जयपुर और आगरा की तरफ से आने वाले वाहनों को अलग-अलग मार्गों से डायवर्ट कर निकाला.

12 फीसदी आरक्षण समेत ये हैं मांगें- समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश में माली समाज की 15 फीसदी (करीब 1 करोड़) जनसंख्या है. लेकिन माली समाज शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से सबसे पिछड़ा हुआ है. इसलिए राजस्थान सरकार समाज को 12 फीसदी आरक्षण सहित प्रदेश के हर शहर और कस्बे में सब्जी ठेले वालों को स्थाई जगह दें. महात्मा फुले बागवानी बोर्ड का गठन किया जाए. महात्मा फुले दंपती के नाम से विश्वविद्यालयों में शोध केंद्रों की स्थापना की जाए. महात्मा फुले जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए. भारतीय सेना में सैनिक सीमेंट का गठन किया जाए.

हाईवे पर गुजारी रात- देर रात तक जब वार्ता का कोई रास्ता नहीं निकला तो समाज के लोगों ने हाईवे पर ही रात गुजारने का फैसला किया. सैकड़ों लोगों के लिए लंगर लगाकर खाना खिलाया गया और हाईवे पर गद्दा डालकर रात भर समाज के सैकड़ों लोग जमे रहे. सोमवार सुबह से ही समाज के लोगों की भीड़ फिर से हाईवे पर जुटने लगी है. वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी मौके पर पुलिस जाप्ता बढ़ा दिया है.

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